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16 Mar, 2020
17 मार्च से 14 अप्रैल तक झारखंड में बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान, सीएम ने दिया आदेश
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रांची : झारखंड बजट सत्र के 9वें दिन की कार्यवाही के दौरान सदन में कई विधायकों ने #Corona_Virus को लेकर राज्य में प्रतिष्ठानों को बंद करने की मांग उठाई. जिसके बाद कोरोना वायरस को लेकर उच्च स्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में अपनी बात रखी. मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस को लेकर कहा कि यह एक राष्ट्रीय आपदा घोषित हो चुकी है इसे ध्यान में रखते हुए 17 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान, मॉल, सिनेमा घर, निजी संस्थानों, पार्क, स्वीमिंग पूल, क्लब, म्यूजियम आदि को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही कहा कि इस दौरान कर्मचारी के ऑफिस नहीं आने पर प्रबंधन उसका वेतन नहीं काट सकता है. अगर किसी कंपनी का प्रबंधन इस समय सीमा के दौरान किसी कर्मचारी का वेतन काटेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

बता दें कि बजट सत्र में कोरोना वायरस से निबटने के लिए 200 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं. 

इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर सदन में पोड़ैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा में अडाणी कंपनी का काम चाइनिज कंपनी को मिला है. ऐसे में उनके स्वास्थ्य की जांच होनी चाहिए. वहीं माले विधायक विनोद सिंह ने अप्रवासी भारतीयों के वापसी पर उनके स्वास्थ्य के जांच की मांग की. 

बता दें कि झारखंड विधानसभा में आज कोरोना वायरस का मुद्दा गूंजा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कोरोना वायरस का मुद्दा उठाते हुए इसके बढ़ते खतरे से सदन को आगाह कराया. चर्चा के बाद सीएम ने बताया कि सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 200 करोड़ रुपये का कोष तैयार किया है.

विधानसभा के बजट सत्र में कोरोना वायरस का मुद्दा जोरशोर से उठा. विधायकों ने राज्य के प्रतिष्ठानों को बंद करने की मांग उठायी. प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा में अडाणी में काम करने वाले चाइनीज लोगों की जांच की मांग. वहीं विधायक विनोद सिंह ने अप्रवासी भारतीयों के स्वास्थ्य जांच की मांग की. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना महामारी का रूप ले लिया है. लेकिन झारखंड में सरकार ने अबतक कोई कदम नहीं उठाया है. सरकार को जल्द इस दिशा में पहल करनी चाहिए. वहीं कई विधायकों ने शैक्षणिक संस्थाएं एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों को बंद करने की मांग की. सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में कोरोना पर जवाब देते हुए कहा कि कोरोना पर चिंता जायज है. उन्होंने कोरोना से निपटने को लेकर सरकार की ओर से की गयी तैयारियों को सदन के सामने रखा. 17 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी शैक्षणिक संस्थान और भीड़भाड़ वाले जगहों को बंद करने की भी बात सीएम ने कही. कोरोना वायरस को लेकर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों में भी दहशत है. सदन की कार्यवाही के दौरान माननीयों का डर सामने आया. कोरोना को लेकर सरकार की गंभीरता और तैयारियां भी सदन के माध्यम से जनता तक पहुंची है.



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