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17 Nov, 2020
भगवान सूर्य की सत्ता स्थाई है: महापौर
admin Ravi...

मेदनीनगर :  मेयर अरुणा शंकर ने आज कोयल नदी के तट पर  सूर्य की आराधना करते हुए विरोध प्रकट किया और राज्य सरकार  से  अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन जिसमें छठ महापर्व नदी और घाट पर करने से मना कर दिया गया है। इस निर्णय पर छठ व्रतधारियों में तो मायूसी है ही मेयर अरुणा शंकर ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त किया है। 

निगम क्षेत्र के छठ घाटों की सफाई का जायजा लेने पंहुचे मेयर ने कहा कि छठ महापर्व लोक आस्था से जुडा हुआ है। भगवान सूर्य न सिर्फ हमारी आस्था के प्रतिक है बल्कि इस पूजा से  हम सभी को प्रेरणा भी मिलती है। जिस तरह भगवान सूर्य रौशनी देने के मामले में  किसी के साथ कोई पूर्वाग्रह नहीं करते उसी तरह सरकार को राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि भगवान सूर्य से बड़ी सत्ता किसी के पास नहीं।

सूर्य की उपासना से यह भी सीखना चाहिए कि परिस्थिति चाहे जो भी हो व्यक्ति को एकसमान बना रहना चाहिए। जिस तरह सूर्य उदय होने के साथ लालिमा लिये रहते है, वही लालिमा डूबने के वक्त भी बनी रहती है। उसी तरह सत्ता में बैठे लोगों को भी चाहिए कि वह अपना ऐसा स्वभाव बनाये रखे जिससे आमजनों को यह न लगे की सरकार लोक आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। जब लाखों की भीड़ में चुनाव की रैलियां हो सकती हैं, जीत का जुलूस निकल सकता तो हिंदुओं के महापर्व पर बंदिश क्यों? मेयर श्रीमती शंकर ने यह भी कहा कि शासन में बैठे लोगों को यह समझना चाहिए  भगवान सूर्य की सत्ता स्थायी है, उसके बाद भी भगवान सूर्य नर्म बने रहते है, इसलिए अस्थायी सत्ता में बैठै लोगों को भी विनम्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लोक आस्था का ख्याल रखते हुये अपने निर्णय पर पुर्नविचार करे और लोकहित में निर्णय ले।

यदि सरकार अपना निर्णय नही बदलेगी तो लोगो के जनाक्रोश के साथ कई लोकमान्यता भी टूटेगी, क्योंकि छठ महापर्व घर की नहीं बल्कि नदी और घाट में होने वाली पूजा है। इसलिए सरकार  लोक आस्था और मान्यता को ध्यान में रख कर निर्णय ले।  



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