
लातेहार:- टोरी रेलवे ट्रैक पर बैठे टाना भगतों का आंदोलन 55 घंटे बाद समाप्त हुआ। टाना भगतों के इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए विधायक और प्रशासन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा। सीएम हेमंत सोरेन के दूत बनकर आए लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम और मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई लगातार रणनीतियों का प्रयास सफल हुआ। टाना भगतों के रेल ट्रैक से नहीं हटने की हठधर्मिता के बीच विधायक श्री राम ने कहा कि मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्रीराम ने एक बार समुद्र से रास्ता मांगा था।उनके अनुनय-विनय के बाद समुद्र नहीं मान रहा था। इसके बाद उन्हें बाण उठाना पड़ा। टाना भगतों का पूरा देश सम्मान करता है इसलिए वैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो इसका प्रयास करें। दो दिनों से वो उन्हें सम्मान देते मनाने का प्रयास कर रहे हैं और वो हठधर्मिता पर अड़े हैं। यह न्यायोचित नहीं है। टाना भगत राष्ट्रपिता बापू के अनुनायी कहे जाते हंै। वो देश हित के लिए कार्य करें। विकास में सहभागिता निभाएं।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत समुदाय द्वारा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 (धारा 145) टेनेन्सी एक्ट दफा 81, पारा ए के मुताबिक छोटानागपुर भूमि का मालिक एवं लगान पाने वाला टाना भगत खंड 1, 2, 3 उरांव मुंडा, खड़िया है को लेकर तीन दिन से टोरी रेल ट्रैक पर बैठे टाना भगतों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए विधायक वैद्यनाथ राम और प्रशासन लगातार प्रयासरत रहा। आंदोलन के दूसरे दिन विधायक ने घंटो प्रयास किया। स्थानीय और जिला प्रशासन अनवरत प्रयासरत रही। तीसरे दिन विधायक सात घंटे तक लगातार आंदोलन स्थल पर जमे रहे। इन सात घंटे के मान-मनव्वल के बीच कई बार टाना भगतों ने आपस में वार्ता के लिए समय लिया। विधायक और टीम के साथ कई बार आंदोलनकारियों के बीच नोंकझोंक की स्थिति बनती दिखी। आखिरकार सीएम के साथ वार्ता के आश्वासन के बाद रेल ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारी मानें और 55 घंटे से टोरी रेल ट्रैक से टाना भगत हटे।
क्या था मामला:
अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टाना भगत समुदाय द्वारा छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 (धारा 145) टेनेन्सी एक्ट दफा 81, पारा ए के मुताबिक छोटानागपुर भूमि का मालिक एवं लगान पाने वाला टाना भगत खंड 1, 2, 3 उरांव मुंडा, खड़िया है को लेकर आंदोलन निर्धारित किया गया था। प्रशासन द्वारा सजाए गए व्यूह को तोड़ते टाना भगत 2 सितम्बर की शाम लगभग साढ़े पांच बजे टोरी रेलवे क्राॅसिंग के समीप मालगाड़ियों को रोककर ट्रैक को जाम कर दिया था। तब टाना भगतों ने बताया था कि उच्च स्तरीय टाना भगत नेताओं द्वारा संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारियों को संबंधित सूचना प्रदान की गई थी। आजादी के 73 वर्ष बीतने के बावजूद केन्द्र व राज्य सरकार से हक और अधिकार के लिए आंदोलनरत रहने के बाद भी उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया अपितु कई जगहों पर उनके साथ जमीन संबंधी धोखाघड़ी, खनन संबंधी मामले, झूठा मुकदमा कर उनकी जमीन से उन्हें बेदखल करने की साजिश चलती रही। इ्रन्हीं मांगों को लेकर टोरी जंक्शन में छोटानागपुर की सारी खनिज संपदाओं, खनन कार्य, रेल मालगाड़ी पूर्ण रूपेण स्थगित करने को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था।
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