
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर एक विस्तृत आठ सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। यह मांगपत्र विश्वविद्यालय और इसके अधीन आने वाले अंगीभूत महाविद्यालयों में व्याप्त अनियमितताओं, बुनियादी सुविधाओं की कमी और छात्रों से जुड़े प्रशासनिक विलंबों को लेकर तैयार किया गया था।
छात्र सुविधाओं में सुधार की मांग
मांगपत्र में प्रमुख रूप से महाविद्यालय परिसरों में पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था को युद्धस्तर पर दुरुस्त करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वर्तमान समय में कई कॉलेजों में छात्रों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है, जो कि किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए शोभनीय नहीं है।
परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की आवश्यकता
अभाविप ने मांग की कि सत्र 2021-24 के सेमेस्टर 6 की परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सेमेस्टर 5 का परिणाम अविलंब घोषित किया जाए। इसके अतिरिक्त परीक्षा फॉर्म में जो शुल्क लिया जाता है, उसमें माइग्रेशन, डिग्री, प्रोविजनल एवं अंक पत्र की फीस को शामिल किया गया है, लेकिन छात्रों को ये दस्तावेज समय पर नहीं मिलते। इसलिए या तो यह प्रमाण पत्र एकसाथ परीक्षा उपरांत दिए जाएं या फिर सिर्फ परीक्षा शुल्क ही वसूला जाए।
शिक्षकों की तैनाती और बैकलॉग शुल्क को लेकर भी सवाल
अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि जो शिक्षक वर्तमान में विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त हैं और जिसके कारण संबंधित विभागों में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है, उन्हें पुनः उनके मूल विभाग या कॉलेज में भेजा जाए। बैकलॉग परीक्षा फॉर्म में शुल्क की व्यवस्था पूर्व की तरह विषयों की संख्या के अनुसार तय की जाए ताकि छात्रों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
टॉपर्स की सूची सार्वजनिक करने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर स्थापना काल से अब तक के स्नातकोत्तर प्रथम सत्र से लेकर वर्तमान तक प्रत्येक विषय के टॉप 5 विद्यार्थियों की सूची जारी करने की मांग की। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी उत्पन्न होगी।
वोकेशनल विभाग में समन्वयक की नियुक्ति पर सवाल
गढ़वा स्थित नामधारी महाविद्यालय के वोकेशनल विभाग में भूगोल शास्त्र के शिक्षक डॉ. कुंदन कुमार को विभागीय समन्वयक बनाए जाने पर भी अभाविप ने आपत्ति जताई। परिषद ने मांग की कि विषय आधारित शिक्षक को ही विभाग का समन्वयक नियुक्त किया जाए।
प्रमाण पत्रों के समयबद्ध निष्पादन की मांग
छात्रों द्वारा आवेदित मूल प्रमाण पत्र, माइग्रेशन आदि दस्तावेजों को तय समयसीमा में निष्पादित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए जाएं ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा या रोजगार के अवसरों में किसी प्रकार की बाधा न हो।
कुलपति ने दिए सकारात्मक संकेत
प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कुलपति महोदय ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रहित में त्वरित एवं सकारात्मक कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित परिसर की दिशा में प्रशासन प्रतिबद्ध है।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अभाविप राज्य विश्वविद्यालय कार्य संयोजक मंजुल शुक्ला ने किया। उनके साथ प्रांत कल्याण छात्रावास प्रमुख रामशंकर पासवान, जिला संयोजक नीतीश दुबे, जीएलए कॉलेज अध्यक्ष किसलय, सौरभ और हर्ष सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
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