
8 मार्च को हर साल अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है और इस वर्ष की थीम है– \" women in leadership – Achieving an equal future in a covid 19 world \" . अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1909 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी जब करीब 15 हजार महिलाएं अपनी अधिकारों की मांग के लिए सड़कों पर उतरी थीं। ये महिलाएं काम करने के समय को कम करवाने , अच्छी तनख्वाह और वोटिंग के अधिकार की मांग के लिए प्रदर्शन कर रही थीं। महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के लगभग एक वर्ष बाद , अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद महिला दिवस को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा जेटकिन ने किया था। क्लारा जेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था। पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया था लेकिन अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता वर्ष 1977 में उस समय मिली थी जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया था। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाने के लिए जागरूकता लाना है , साथ ही साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। आज भी कई देशों में महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है। महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ की दृष्टि से पिछड़ी हुई हैं। जब 19वीं शताब्दी में महिला दिवस की शुरुआत की गई थी , तब महिलाओं ने मतदान का अधिकार प्राप्त किया था। 1917 में रूस की महिलाओं ने महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिए हड़ताल पर जाने का आहवान किया था। हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप खो चुका है और अब यह मात्र महिलाओं के प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करने हेतु एक तरह से मातृ दिवस की तरह बस एक अवसर बन कर रह गया है। अन्य क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषय वस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवम सामाजिक उत्थान के लिए अभी भी इस बड़े जोर – शोर से मनाया जाता है। कुछ लोग बैंगनी रंग का रिबन पहन कर इस दिन का जश्न मनाते हैं। यद्यपि लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में आज हमने काफी प्रगति की है , लेकिन नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों को चाहिए की वे इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएं और आने वाले वर्षों में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए कड़ी करवाई करें। न्याय और सामाजिक समानता के साथ साथ मानव पूंजी के विविध एवं व्यापक आधारों के संदर्भ में ऐसा करना जरूरी है।
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- Namita Priya

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