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26 May, 2025
संस्कृतिक पाठशाला की 71वीं कड़ी में इप्टा और सांस्कृतिक आंदोलन विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन
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मेदिनीनगर : संस्कृतिक पाठशाला के 70 वीं कड़ी में 12 मई से 24 मई तक बाल नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में समृद्धि की पाठशाला के बच्चों के साथ अन्य बच्चों ने भी भाग लिया। कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चों में खुशी कुमारी, प्रिया, अर्पित कुमार,सलमान, अर्पित कुमार गुप्ता, अर्जुन कुमार, विभव राज एवं अपूर्व राज शामिल थे। कार्यशाला के दौरान तैयार प्रेम प्रकाश द्वारा लिखित नाटक शहीद उवाच: की प्रस्तुति इप्टा की स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में करना तय था। परंतु पिछले चार दिनों से मौसम के हालात को देखते हुए सांस्कृतिक संध्या का कार्यक्रम स्थगित कर संस्कृतिक पाठशाला की 71वीं कड़ी का आयोजन किया गया। इस कड़ी में इप्टा और सांस्कृतिक आंदोलन विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कलाकार सह इप्टा के जिला अध्यक्ष प्रेम भसीन एवं सामाजिक कार्यकर्ता पंकज लोचन ने संयुक्त रूप से की। संवाद कार्यक्रम के दौरान तमाम वक्ताओं ने इप्टा के राष्ट्रीय परिदृश्य से लेकर स्थानीय परिदृश्य की चर्चा करते हुए स्थापना काल से लेकर वर्तमान तक की चर्चा की गई। साथ ही इप्टा के महत्वपूर्ण दिवंगत स्तंभों जैसे - प्रोफेसर हिरेन मुखर्जी, डॉ होमी जहांगीर भाभा, चितो प्रसाद, अनिल डी सिल्वा, पीसी जोशी, अली सरदार जाफरी, मजरूह सुल्तानपुरी, मखदूम मोहिउद्दीन, असरार उल हक मजाज, कैफ़ी आज़मी, बलराज साहनी, उत्पल दत्त जैसी शख्सियतों को याद किया गया। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि इप्टा का नामकरण करने वाले महान वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा थे तो इसके एंबलम चितो प्रसाद ने बनाया था। इप्टा की स्थापना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पीसी जोशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही यह प्रस्ताव रखा था कि इप्टा का झंडा लाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने इप्टा के झंडे को नीला रंग दिया।

साथ ही पलामू इप्टा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर भुवनेश्वर प्रसाद बाजपेई जो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे, डॉक्टर एनके सिंह (प्राध्यापक अंग्रेजी विभाग), डॉक्टर एमपी विश्वकर्मा, वाल्मीकि सिंह, भूपेश आदि का स्मरण किया गया। और तमाम दिवंगत स्तंभों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया गया। इसके अलावा इप्टा के प्रथम महाधिवेशन में प्रोफेसर हिरेन मुखर्जी द्वारा किए गए अपील "लेखक और कलाकार आओ, अभिनेता और नाटककार आओ, हाथ से और दिमाग़ से काम करने वाले आओ और स्वंय को आज़ादी और सामाजिक न्याय की नयी दुनिया के निर्माण के लिये समर्पित कर दो।" को दोहराया गया। संवाद कार्यक्रम के दौरान सुरेश सिंह, पंकज श्रीवास्तव, गोविंद प्रसाद, घनश्याम कुमार, एवं रवि शंकर ने अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम का संचालन पंकज लोचन एवं धन्यवाद ज्ञापन रविशंकर ने किया। कार्यक्रम के अंत में इप्टा के कलाकारों ने शांति के संदेश ले के मुरली के तन में आइलई नगाड़ा ले के इप्टा मैदान में गीत गाकर संवाद कार्यक्रम का समापन किया। मौके पर अजीत कुमार, संजीव कुमार संजू, संजीत कुमार दुबे, प्रेम कुमार सहित अन्य कलाकार उपस्थित थे।



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