21 Oct, 2020
ग्लोबल हंगर इंडेक्स :- 107 देशों की सूची में विश्व गुरु भारत 94 ब्वें स्थान पर
admin Namita Priya

सूडान, कोरिया, रवांडा, नाइजीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, लेसोथो, सिएरा लियोन, लाइबेरिया, मोजांबिक, हैती, मेडागासकर, टिमोर लेस्टे, चाड , 107 देशों की सूची में विश्व गुरु भारत के बाद बस इन्हीं 13 देशों के नाम हैं। वर्ष 2019 में भारत 117 देशों की सूची में 102 वें स्थान पर रहा था ,जबकि वर्ष 2018 में भारत 103 वें स्थान पर था। इस सूची को एक बार फिर से ध्यान से जरूर देखें , आपको अपने पड़ोसी देश कहीं भी नजर नहीं आएंगे। भारत इस सूचकांक में श्रीलंका (64 वें) , नेपाल (73 वें), पाकिस्तान (88 वें), बांग्लादेश (75 वें), इंडोनेशिया(70वें) जैसे अन्य देशों से पीछे है। वैसे तो बात हमेशा टॉप टू बॉटम की ही की जाती है ,पर भारत तक पहुंचने में 93 देशों की सूची से गुजरना पड़ेगा , पर भारत से पीछे महज़ 13 देश ही हैं ,जिसे उंगलियों पर गीन पाना बहुत ही आसान है। वैश्विक भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स एक ऐसा सूचकांक है ,जो सिर्फ विश्व स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर भी \" भूख \" को मापता और ट्रैक करता है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वार्षिक गणना की जाती है और इसके परिणाम हर वर्ष अक्टूबर में एक रिपोर्ट के माध्यम से प्रकाशित किया जाता है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 2006 में की गई थी। शुरुआत में ग्लोबल हंगर इडेक्स की रिपोर्ट को अमेरिका स्थित अंतरराष्ट्रीय खाद नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI - International Food Policy Research Institute) और जर्मनी स्थित वेल्ट हंगर हिल्फे ( जर्मन - welthungerhilfe , विश्व भूख सहायता संस्था ) द्वारा प्रकाशित किया गया था। 2007 में आयरिश एनजीओ कंसर्न वर्ल्डवाइड ( concern worldwide , वैश्विक चिंतन ) भी इसका सह- प्रकाशक बन गया। 2018 में , IFPRI ने इस परियोजना से अपनी भागीदारी त्याग दी और अब GHI के वार्षिक रिपोर्ट को केवल वेल्ट हंगर हिलफे तथा कंसर्न वर्ल्डवाइड के द्वारा ही संयुक्त रूप से प्रकाशित किया जाता है। इसे मापने के लिए सूचकांक 100 अंकों के पैमाने का उपयोग करता है तथा इसी के आधार पर अलग अलग देशों का रैंक निर्धारित किया जाता है , जिसमें \"0\" सर्वश्रेष्ठ स्कोर को दर्शाता है तथा \"100\" सबसे खराब को। निम्न को 0 से 9.9, मध्यम को 10.0 से 19.9 , गंभीर को 20.0 से 34.9, खतरनाक को 35.0 से 49.9 तथा बेहद खतरनाक को 50.0 या इससे अधिक में दर्शाया गया है। भारत भुखमरी सूचकांक में 27.2 के स्कोर के साथ गंभीर श्रेणी में है। GHI मख्यतः चार संकेतकों को जोड़ता है :- 1) undernutrition ( अल्पोषण ) - उम्र के हिसाब से वजन कम होना। भारत की 14% आबादी अल्पोषित है। इसका निर्धारण अपर्याप्त कैलोरी लेने कि मात्रा के आधार पर किया जाता है। 2) चाइल्ड वेस्टिंग - कद के हिसाब से वजन का कम होना चाइल्ड वेस्टिंग कहलाता है। इसमें उच्चाई की तुलना में कम वजन होता है। तीव्र कुपोषण , कुपोषण का सबसे चरम और दृश्य रूप होता है। भारत का स्कोर 17.3% रहा है। 3) स्टंटिंग- जब उम्र के हिसाब से कद कम हो ,तो इसे स्टंटिंग कहा जाता है। भारत में बच्चों में स्टंटिग 37.4% दर्ज की गई है। स्टंटिंग मुख्यतः बच्चों के बीच ही केन्द्रित है। गरीबी , आहार की विविधता का आभाव, मातृ शिक्षा का निम्न स्तर सहित कई प्रकार की वंचनाओं का होना इसका मुख्य कारण है। 4) child mortality ( बाल मृत्यु) - पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु को ही बाल मृत्यु कहा जाता है। भारत में चाइल्ड मोर्टालिटी रेट 3.7% है। रिपोर्ट के अनुसार , वैश्विक स्तर पर लगभग 690 मिलियन लोग कुपोषित हैं। वैश्विक स्तर पर भुखमरी और गरीबी को कम करने की दिशा में हुई प्रगति को COVID 19 महामारी बहुत हद तक नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है , साथ ही साथ COVID 19 इस बात को भी स्पष्ट कर दिया की वर्तमान की हमारी खाद्य प्रणालियां \"ज़ीरो हंगर\" स्थिति को प्राप्त करने में भी सक्षम नहीं हैं। GHI 2020 के अनुसार भारत को \"गंभीर\" की श्रेणी में रखा गया है। अब ये देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा की सरकार इस श्रेणी से निकलने के लिए जमीनी पर कितने प्रयास करती है। वैसे मैं ये बता दूं कि भारत ने वर्ष 2022 तक \' कुपोषण मुक्त भारत \' के लिए एक कार्ययोजना विकसित की है। ये देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा की आखिर इस योजना में हम कहां तक सफल होते हैं। मैं सरकार और कानून की बात के साथ साथ हमेशा से एक समाज की, एक परिवार की तथा एक अकेले इंसान की पहल की बात जरूर करती हूं। मेरा ये मानना है कि मदद हमेशा बहुत बड़े स्तर पर हो ये ज़रूरी नहीं , मदद एक बहुत छोटे स्तर पर भी की जा सकती है। मदद करने वालों के लिए हो सकता है वो सिर्फ एक मदद हो , पर यक़ीन मानिए मदद पाने वाले इंसान के लिए कभी कभी आपकी छोटी से मदद एक नई जिंदगी देने जैसी हो सकती है। किसी जरूरतमंद इंसान को पैसे देने की बजाय उसे खाना खिलाना हमेशा से एक बहुत अच्छा ऑप्शन है। जब भी मौका मिले भूखे को खाना जरूर खिलाएं, अगर आप खुद भुखे ना हो तो।।



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