गढ़वा : गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी ने झारखंड सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय में भी राज्य सरकार गरीब/असहाय लोगों के प्रति संवेदना दिखाने के बजाय ओछी राजनीति कर रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का राज्य सरकार लगातार उल्लंघन कर प्रवासी मजदूरों/असहाय गरीब व्यक्ति के साथ-साथ आम जनों की रक्षा के बजाय अपने निजी खजाना भरने में मशगूल है। अपने प्रदेश के गरीब/असहायों को भोजन कराने के लिए राज्य सरकार ने मात्र प्रति व्यक्ति 9.43 रुपए का दर अनुमोदन कर गरीबों के साथ अमानवीय व्यवहार किया है। इतने पैसे में भरपेट पौष्टिक भोजन संभव ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर का हाल बेहाल है। राज्य सरकार पड़ोसी राज्य की तुलना में पौष्टिक आहार देने का दर एक तिहाई से भी कम अनुमोदित कर क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति को भी भगवान भरोसे छोड़ने का काम किया है। वहीं राज्य सरकार के द्वारा राज्य के निजी पैथोलॉजी सेंटरों में कोरोना जांच के लिए ₹4500 का दर अनुमोदित किया है। राज्य के गरीबों की जेब पर डाका डालने वाले जो पैथोलॉजी सेंटर हैं, उनके जांच का दर पड़ोसी राज्यों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा अनुमोदित कर राज्य सरकार ने उन सेंटरो को लूट की छूट देकर पुरस्कृत करने का काम किया है।
श्री तिवारी ने कहा कि अपनों को पौष्टिक भोजन देने के लिए सरकार ने काफी कम दर अनुमोदित किया, वहीं सरकार पैथोलॉजी सेंटरों के माध्यम से गरीबों से जांच के नाम पर दूसरे राज्यों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा दर अनुमोदित कर अपने निजी खजाना भरने पर विशेष ध्यान देने का काम किया है। ऐसा करके राज्य सरकार अपने लोगों पर जुल्म ढा रही है और गैरों से गरीब को लूटवाने में सहयोग कर रही है।
पूर्व विधायक ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार राज्य के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर अन्य राज्यों की तरह बेहतर पौष्टिक आहार की व्यवस्था बहाल करे। मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के माध्यम से गरीब/असहाय लोगों के लिए खाने के निर्धारित खर्च ₹9.43 की सीमा को बढ़ाकर उन्हें भी पौष्टिक आहार देने की अनुमति दे। साथ ही कोरोना जांच के नाम पर ₹4500 की दर जो गरीब से उगाही की गई है, उन गरीबों को ₹2500 की दर से वापस दिलाने का काम करे।
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