यूं तो पत्रकारिता में कई बार हमारा सामना ऐसी खबरों से होता है जो हमें अंदर तक झकझोर देता है, लेकिन कई बार ऐसी खबरें आती है जो मन को विचलित कर देती है, कहाँ से शुरू करूँ कहाँ से खत्म कुछ समझ नही आता. कई दफा हैवानियतों की ऐसी स्याह तस्वीरें दिखती हैं जिसे हम ना तो दिखा सकते हैं ना ही छुपा सकते हैं. आज ऐसी ही एक खबर है जो मर्यादाओं को तार तार कर रही है, आपको सोचने पर विवश कर देगी की आखिर इस समाज को हो क्या गया है, गलत का विरोध तो छोड़िए सब के सब शागिर्द बन छुपा कर लीपापोती में लग जाते हैं. चलिए समझते हैं पूरे मामले को.
पहले इस तस्वीर को देखिए चूल्हा फूँक रही ये मासूम 7वीं कक्षा की छात्रा है. अपनी माँ के साथ बैठी इस मासूम को तो ये भी नही पता कि माँ कहते किसको हैं. माँ की ममता होती क्या है..? अरे ये तो वो अभागन है जो अपने बच्चे के भविष्य के लिए खोदे गए नींव में इमारत खड़ी करने के बजाय उस बच्चे को उसी नींव में धकेल डाली. करे भी क्या जिस स्कूल में तालीम लेने गयी उस स्कूल के शिक्षित लोग भी मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में लग गये तो ये नाबालिग आखिर क्या कर सकती है.
आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि 6 माह पहले ही कस्तुरबा स्कूल में पढ़ने वाली इस बच्ची ने एक बेटे को जन्म दिया है. मामला गढ़वा जिले के बरडीहा थानाक्षेत्र के है. कस्तुरबा विद्यालय से अचानक छात्रा के घर फोन कर परिजनों को बुलाया जाता है और मझिआंव अस्पताल में 7वीं कक्षा की छात्रा का नॉर्मल डिलीवरी से बच्चा होने की जानकारी दी जाती है. लड़की को जब होश आया तो उसे समाज का धौंस दिखा दिया गया और बच्चे को अस्पताल के ही एएनएम को दे दिया गया.
हालाँकि मामले का खुलासा होने के बाद हड़कम्प मच गया है कस्तुरबा विद्यालय से सेक्स रैकेट चलाने की बातें भी सामने आ रही हैं. रात में लड़कियों को ले अनजान जगह पर ले जाया जाता है और अहले सुबह उन्हें विद्यालय छोड़ दिया जाता है. मामला संज्ञान में आने पर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी इसकी बारीकी से जांच कर रही है. सीडब्ल्यूसी द्वारा विद्यालय की वार्डन के अलावे डीएसई समेत 19 लोगों को दोषी बता अपनी रिपोर्ट जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सौंप दी है.
ये घिनौनी करतूत कई सारे सवाल खड़ी करती है. बेटियां कहाँ महफूज रहेंगी ये प्रश्न का जवाब इस परिवेश में ढूंढना मुश्किल है. हालांकि जो बच्ची मां बनी है उसने अपने गांव के ही युवक पर आरोप लगाया है. पूरे मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई के लिए सीआईडी के एडीजी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली आईसीपीएस के निदेशक सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सहित डीसी व एसपी को पत्र लिखा गया है. अब देखना है ऐसे संगीन मामलों पर प्रशासन क्या कदम उठाती है.
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