मेदिनीनगर:– प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, वो अपना मुकाम ढूंढ ही लेती है।इसे सच कर दिखाया है गढ़वा जिले के कामता गांव निवासी प्रवीण पांडे और रेनू देवी के सुपुत्र उत्कर्ष पांडे ने, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उत्कर्ष के पिता प्रवीण पांडे को इतना तो पता था कि उनका बेटा उनके सपनों को जरूर पूरा करेगा, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था की बेटे की सफलता पर उन्हें इतना नाज होगा कि समाज में अभी से उनका मन बढ़ जाएगा। कम उम्र में उत्कर्ष ने जता दिया की मेहनत का फल अवश्य मिलता है। एक साथ उत्कर्ष ने जवाहर नवोदय विद्यालय परीक्षा, सैनिक स्कूल की परीक्षा और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की परीक्षा में अपना परचम लहराते हुए तीनों ही प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है। उत्कर्ष का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में दूसरे स्थान पर सैनिक स्कूल में ऑल ओवर इंडिया में 680 रैंक हासिल हुआ है । उत्कर्ष के पिता प्रवीण पांडे वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, और उन्होंने ही पूरी मेहनत और तन्मयता से अपने बेटे को तैयारी करवाई थी, जिसका प्रतिफल भी उन्हें मिला। आज उत्कर्ष के पिता के साथ-साथ पूरे समाज को उत्कर्ष पर नाज है। उत्कर्ष अपने इलाके में अपने समाज में एक मिसाल बन गया जो बच्चों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।
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