26 Sep, 2020
दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाले बगैर प्रशासनिक अनुमति बाहर निकले तो हो सकती है कार्रवाई, ये नियम हैं लागू
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रांची : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आम लोगाें के बीच जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी है। नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण कई बार लोग जाने-अनजाने गलतियां कर रहे हैं। इससे यह संकट लगातार बढ़ रहा है। राज्य सरकार की ओर से अनलॉक के अलग-अलग चरण में नियमों में अलग-अलग बदलाव किए जा रहे हैं। इनके अनुपालन को लेकररांची जिला प्रशासन की ओर से लगातार प्रयत्न किए जा रहे हैं। राजधानी की सबसे बड़ी समस्या दूसरे राज्यों से हर दिन आने वाले हजारों लोग हैं। नियमों के उल्लंघन के कारण रांची में बीमारी का ग्राफ ऊपर दिख रहा है।

झारखंड सरकार की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार ट्रेन, बस, हवाई जहाज अथवा निजी वाहनों से दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अपनी यात्रा का विवरण झारखंड ट्रेवल डाट एनआइसी डाट इन पर अपलोड करना होगा। इसके आधार पर जिला प्रशासन संबंधित व्यक्ति की निगरानी करेगा। नई गाइड लाइन में नियमों के अनुपालन की जवाबदेही यात्रा करने वाले व्यक्ति की तय की गई है। वहीं जिला प्रशासन निगरानी की भूमिका में है। पहले जहां जिला प्रशासन यात्रा करने वाले लोगों के क्वारंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित कराता था। वहीं अब लोगों की जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी कर दी गई है।

जिला प्रशासन कर रहे ये प्रयास

नई गाइउ लाइन से इतर रांची जिला प्रशासन दो कदम आगे बढ़कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस समय लगभग हर रोज जिले के विभिन्न इलाकों में विशेष शिविर लगाकर लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। इसके साथ दर्जन भर टीमें रोजाना शहर व ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग तो कर ही रही है, कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रही है।

लुक-छिप आकर घर में घुस जाने वालों का क्या

अभी गत मंगलवार की रात को ही सिकंदराबाद-छपरा एक्सप्रेस रांची से गुजरी। गुरुवार की सुबह राजधानी एक्सप्रेस भी आई। इन दोनों ट्रेनों से बड़ी संख्या में यात्री उतरे। इधर, प्रशासन की लाख कोशिशें के बावजूद बिहार और दूसरे राज्यों के तमाम जिलों से बसें भी आ रही हैं। इनसे भी बहुसंख्य यात्री उतर कर रांची के विभिन्न इलाकों में अपने-अपने घरों में जाकर घुस जा रहे हैं। यदि इन लोगों ने झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण नहीं कराया है तो इनकी वजह से संक्रमण का जो बहुत तेजी से विस्तार होगा।

इसको रोकने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कोई व्यवस्था क्यों नहीं बनाई? और तो और राजधानी में बहुत तेज गति से फैल रहे संक्रमण को रोकने में ऐसे लोगों को भूमिका को जिला प्रशासन ने क्यों नजर अंदाज कर दिया? ये बहुत बड़ा सवाल है और व्यवस्थागत खामियों के कारण अभी तक माहामारी के इस दौर में उनुत्तरित है।



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