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05 Sep, 2020
देश की वर्तमान स्थिति पर - हम अगर नहीं उठे तो - मुहिम की शुरुआत, सभी से एकजुटता की अपील
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मेदिनीनगर:- विभिन्न जन संगठनों का साझा आयोजन "हम अगर नहीं उठे तो.." मुहिम की शुरुआत शनिवार को भगत सिंह चौक से हुई। भगत सिंह की प्रतिमा के समक्ष भारतीय जन नाट्य संघ, इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, जन संघर्ष मोर्चा, भाकपा माले, आइसा, पीयूसीएल, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, दिहाड़ी मजदूर यूनियन समेत अन्य संगठनों के प्रतिनिधी इस मुहिम में शामिल हुए और लोगों से एकजुटता की अपील की। मौके पर इप्टा के सचिव रविशंकर ने बताया कि आज ही के दिन निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकार गौरी लंकेश की आवाज को दबाने के लिए उनकी हत्या कर दी गई थी। आज गौरी लंकेश के शहादत को याद करते हुए इस अभियान की शुरुआत की गई है । जहां हम अभिव्यक्ति की आजादी के लिए, लोकतंत्र और संविधान की हिफाजत के लिए और मानवाधिकार व सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार के खिलाफ लोगों को साथ आने और उनकी एकजुटता की अपील कर रहे हैं। यह कार्यक्रम 10 सितंबर तक अलग-अलग चौक चौराहों पर किया जाएगा। इस दौरान इप्टा के वरिष्ठ रंगकर्मी प्रेम प्रकाश ने ने राजेश जोशी की कविता जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे मारे जाएंगे का पाठ किया। मौके पर बोलते हुए इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार, जन संघर्ष मोर्चा के युगल पाल, किसान महासभा के केडी सिंह, भाकपा माले के रविंद्र कुमार, बीजीबीएस से जुड़ी इंदु तिवारी समेत अन्य लोगों ने अपने विचार रखें। इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी व्यापक पैमाने पर साझा किया गया ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इस बात को पहुंचाया जा सके। मौके पर शैलेंद्र कुमार ने कहा कि मौजूदा दौर में सरकार सभी सार्वजनिक संस्थाओं को पूंजीपतियों के हाथों बेच देने की तैयारी में लगी हुई है। ऐसे में अब अगर नहीं उठे तो बहुत देर हो जाएगी। कार्यक्रम में इप्टा के महासचिव उपेंद्र मिश्रा, प्रलेस के शब्बीर अहमद, राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के पप्पू कुमार सिंह पप्पू कुमार सिंह, पीयूसीएल के संजय अकेला, नंदलाल सिंह, अरविंद अविनाश, दिहाड़ी मजदूर यूनियन के गौतम कुमार, आइसा से मो0 दानिश, इप्टा के समरेश सिंह, अजीत कुमार ठाकुर, राजीव रंजन समेत अन्य लोग मौजूद थे। संध्या में स्टेशन रोड स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष हुई हम अगर नहीं उठे तो मुहिम के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।



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