पलामू : 4 नाबालिग, एक पारा शिक्षक, एक ड्राइवर सहित 12 लोगों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा करने वाली झारखंड पुलिस का कथित बकोरिया मुठभेड़ कांड चार साल बाद फिर से आज मिडिया की सुर्खियां बटोर रहा है. जब सीबीआई के शीर्ष अधिकारीयों के साथ सेंट्रल फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर एन बी वर्धन का पलामू पहुंचने से मामले से परदा उठने के संकेत मिलने लगे. जांच-पड़ताल-पुछताछ जहां तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं तत्कालीन सदर थाना प्रभारी हरिश पाठक के रहे बागी तेवर से झारखंड पुलिस के नाक में दम होना तय माना जा रहा है.
हालांकि तत्कालीन सतबरवा थाना प्रभारी मोहम्मद रूस्तम और मनिका थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी के बयान अब तक सामने नहीं आए हैं पर उनके पूर्व के बयान से पलटने की खबर ने मुठभेड़ पर संदेह के बादल मंडरा दिए हैं. जिससे झारखंड पुलिस की थपथपाई गयी पीठ घायल भी हो सकती है और पूर्व डीजीपी डी.के.पाण्डेय के कार्यकल वाली पुलिस महकमे पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. हालांकि सीबीआई द्वारा मुठभेड़ का सीन रिक्रिएट कर डेमो भी देखा गया और हर पहलू को इंची टेप से नापा और मापा जा रहा है. मगर ये कितना कारगर साबित होगा. ये तो सीबीआई के रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा होगा. मगर मिडिया को कुछ समझ आता उससे पहले ही एकाएक आई झमाझम बारिश ने अधिकारियों को सरपट घटनास्थल से रवाना होने पर मजबुर कर दिया और मिडिया के हाथ खाली रह गए.
मगर इतना तो तय है कि मुठभेड़ सच्ची है या झूठी आइना कुछ हद तक साफ हो गया है. हालांकि अभी पुछताछ के लिए कई गवाह और कई सबुत खंगालने बाकी है. कुछ पत्रकारों को भी नोटिस सीबीआई पुछताछ के लिए कर सकती है. मगर अब तक जांच के दायरे में कोबरा नहीं आया है. वैसे ही कई पहलू है जिन पर मंथन जारी है. अफवाहों का दौर भी जारी है.
देखना है पुलिस-माओवादी कथित बकोरिया मुठभेड़ कांड कौन-कौन सी सच्चाई सामने लाता है और किन खाखी वर्दीधारीयों को बेनकाब करता है. जिनके दामन दागदार होंगे, या बचेंगे... निगाह टिकी है.
- VIA
- Admin
-
19 Apr, 2024 404
-
16 Apr, 2024 438
-
16 Apr, 2024 400
-
15 Apr, 2024 688
-
14 Apr, 2024 185
-
11 Apr, 2024 189
-
26 Jun, 2019 4138
-
25 Nov, 2019 4091
-
24 Jun, 2019 3932
-
22 Jun, 2019 3559
-
25 Jun, 2019 3362
-
23 Jun, 2019 3247