गढ़वा : गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य की महागठबंधन सरकार का हर कदम अकल्याणकारी है।
श्री तिवारी ने एक उदाहरण देते कहा कि करीब एक माह पहले अल्प मानदेय पारा शिक्षकों को परियोजना निदेशक ने सीधे उच्च न्यायालय जाने का रास्ता बंद करने का आदेश निर्गत किया था। अब पुनः एक महीने बाद सरकार ने 15 वर्षों से अल्प मानदेय पर कार्यरत पारा शिक्षकों को अप्रशिक्षित होने के नाम पर बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने से रोकने का आदेश जारी किया है। साथ ही कई महीनों से उनके मानदेय भुगतान पर रोक लगा कर रखा है।
जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार जिन्हें अप्रशिक्षित पारा शिक्षक समझ रही है, वे सभी एनआईओएस दिल्ली से अप्रैल में ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। लॉक डाउन के कारण उनका प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाया है।
पूर्व विधायक ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार तत्काल अपना तुगलकी फरमान वापस लेते हुए, इन सभी पारा शिक्षकों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए, पूर्व की भांति सेवा देने व हाजिरी बनाने से न रोकने का पत्र जारी करे। साथ ही इनके कई महीनों से वेतन आदि पर लगे रोक को हटाते हुए भुगतान करे।
उन्होंने दूसरा उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दीदी किचेन योजना में जो समूह की महिलाएं जरूरतमंद लोगों को खाना बनाकर खिलाने का काम कर रही है। राज्य सरकार द्वारा उन महिलाओं के साथ भी धोखाधड़ी करते हुए उन्हें सिर्फ लाक डाउन 3 की अवधि का ही ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है।
उन्होंने राज्य सरकार से दीदी किचन में काम कर रही समूह की सभी महिलाओं को अविलंब लॉक डाउन 1 एवं 2 की अवधि का प्रोत्साहन राशि भी भुगतान करने की मांग की है।
श्री तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा लॉक डाउन फेज 1 एवं 2 में गरीब एवं असहाय को दीदी किचन से 2 टाइम भोजन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन वर्तमान में संवेदनहीन सरकार ने असहायों को अब सिर्फ एक टाइम भोजन देने का पत्र निर्गत कर असंवेदनशील होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन असहायों के साथ प्रवासी मजदूरों की तरह गंदी राजनीति ना करे। अविलंब एक टाइम भोजन बंद करने के आदेश को रद्द करते हुए, पुनः 2 टाइम भोजन देने की व्यवस्था बहाल करे।
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