पलामू : जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाने के उद्देश्यों के साथ ग्राम पंचायत चुनाव की शुरुआत की गई थी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत को संवैधानिक दर्जा दिया जा चुका है. बावजूद पंचायत प्रतिनिधि खुद को असहाय और बेबस महसूस कर रहे हैं. जनता के रहनुमा चुने जाने के बाद निश्चित ग्रामीणों को उनसे अपेक्षा रहती है. लेकिन जिला और प्रखण्ड की बात कौन करे पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मी भी उन्हें तरजीह नही देते. यहां तक कि किसी योजना की जानकारी देने तक से गुरेज करते हैं. विकास निधि की राशि का आवंटन तो पहले ही रोक दिया गया है और अब सरकारी कर्मियों की उपेक्षा से तंग आकर पलामू के सभी 21 प्रखंडो के प्रमुख, उपप्रमुख और पंसस ने इस्तीफा देने का मन बना लिया है. पंचायत समिति महासंघ के बैनर तले अमुक प्रियदर्शी के नेतृत्व में पलामू के सभी प्रमुख और उपप्रमुख एकजुट होकर अपनी 6 सूत्री मांगों का ज्ञापन उपविकास आयुक्त बिंदु माधव सिंह के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा और 4 जुलाई तक अपनी मांगों को पूरा नही होने पर 5 जुलाई को पूरे पलामू के सभी प्रमुख उपप्रमुख और पंचायत समिति सदस्य को सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी दे डाली.
हालांकि उपायुक्त पलामू की अनुपस्थिति में प्रभारी उपायुक्त ने पंचायत समिति महासंघ की माँगो को गम्भीरता से लिया और स्थानीय स्तर पर पूरी होने वाली मांगों को तत्काल पूरा करने और राज्य सरकार का भी ध्यान आकृष्ट कराने की बात कही.
- VIA
- Admin

-
18 Apr, 2025 98
-
17 Apr, 2025 84
-
17 Apr, 2025 103
-
16 Apr, 2025 168
-
14 Apr, 2025 125
-
13 Apr, 2025 257
-
24 Jun, 2019 5531
-
26 Jun, 2019 5360
-
25 Nov, 2019 5234
-
22 Jun, 2019 4973
-
25 Jun, 2019 4626
-
23 Jun, 2019 4265
FEATURED VIDEO

PALAMU

LATEHAR

PALAMU

PALAMU

PALAMU

PALAMU

PALAMU

GARHWA

PALAMU
