पलामू : प्रकृति का विधान ऐसा है कि हर नये में सृजनात्मक संवेदना रची-बसी होती है. नया सौंदर्यबोध होता है.अंधकार के बाद उजाले की तरह, रात के बाद सुबह की तरह. और उसी तरह अपनी तमाम खट्टी-मीठी यादों के साथ 2019 अब अतीत का हिस्सा बन चुका है. अब 2020 का पदार्पण हो गया. हम सब नयी ऊर्जा, आशा और उत्साह के साथ इसका स्वागत करें. हर ओर नया और सकारात्मक देखें. हर चीज में नयापन तलाशें. नयी प्रेरणा से देखें. नयी आशा से देखें. नये सपने देखें, मार्ग बनाएं और उस ओर चलना शुरू करें. इच्छाशक्ति को प्रबल करें. पाखंड का त्याग करें. भरोसा करें, भरोसे लायक बनें. विश्वास करें, विश्वास जीतें.अपनी गरिमा समझें, दूसरे की अहमियत समझें. लाख कोशिश के बाद भी मानव मस्तिष्क में यादें शेष रह ही जाती हैं. फिर भी कोशिश करें कि मन मे मात्र अच्छी यादें ही रहें. अच्छी यादें प्रेरणा देती हैं, सुख देती हैं. नये साल में सब कुछ नया हो. सब कुछ अच्छा हो. हर ओर शुभ हो. हर काम का शुभ आरंभ हो. इसी सोच के साथ हम भी नए साल की शुरुआत एक बेहद अच्छी और प्रेरणादायक खबर से करने जा रहे हैं जिसे देख आप सब प्रेरित हों और 2020 में आप भी कुछ ऐसा करें कि आपकी मिशाल पेश हो.
सबसे पहले हम जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं उस शख्स का नाम है प्रदीप नारायण, पहल ट्रस्ट के माध्यम से लगातार समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पलामू के इस युवा ने 1500 बच्चों को प्रत्येक वर्ष मुफ्त शिक्षा देने का अभियान शुरू कर दिया है. इंग्लिश जोन नामक संस्थान में फिलहाल 400 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे प्रदीप नारायण के इस फैसले से पलामू के सुदूरवर्ती इलाकों से आये छात्रों को काफी राहत मिलेगी, जब हम बच्चों से मिले तो वहां कई ऐसे बच्चे थे, जिन्हें फी के वजह से क्लास से निकाल दिया गया था, और अब उन बच्चों को वहां निःशुल्क शिक्षा दिया जा रहा है.
रक्तदान शिविर, स्वक्षता अभियान, नशामुक्त समाज के निर्माण समेत कई ऐसे कार्यो से अपनी पहचान बनाने और सालों से इंस्टीट्यूट चला रहे प्रदीप नारायण, सरकारी शिक्षक भी हैं और अब जब उन्हें लगा कि वो इंस्टिट्यूट का खर्च खुद उठा सकते हैं तब उन्होंने ये फैसला लिया कि इंग्लिश जोन में सभी बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया जायेगा.
वहीं मौके पर मौजूद पहल ट्रस्ट के अध्यक्ष अविनाश देव ने प्रदीप नारायण के पहल को सराहा वहीं बच्चों को किसी तरह की परेशानी में साथ खड़ा रहने का भी भरोसा दिया.
मिशन समृद्धि इस मिशन के बारे में आपने पहले भी सुना होगा , घर घर से रोटी लेकर भूखे जरूरतमंद लोगों तक रोटी दीदी के नाम से मशहूर हो चुकी शिला श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम सालों से भूखों का पेट तो भर ही रही हैं. निःशुल्क पाठशाला भी चलाकर गरीब तबके के लोगों की झोपड़ियों में शिक्षा का संचार कर रही हैं जिसकी सराहना चहुंओर हो रही है।.
एक महिला के लिए घर के काम के बाद बाहर का काम कठिन होता है, लेकिन शर्मिला शुमी ये एक ऐसा नाम जिसने इस मिथ्या को तोड़ा है. कपड़ा बैंक चला रही शर्मिला शुमी हर रोज कई जरूरतमंद लोगों का सहारा बन रही हैं, खासकर कपड़ा बैंक की महत्ता तब ओर बढ़ जाती है जब कड़कड़ाती ठंड पड़ रही हो, कम्बल और गर्म कपड़ों से राहत पंहुचाती शर्मिला शुमी से भी हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है.
शौकत खान जिनसे प्रेरणा लेकर इन्होंने कपड़ा बैंक की शुरुआत की, गढ़वा के शौकत खान ने कपड़ा बैंक के अलावे सत्तू और चावल बैंक से हजारों लोगों के जीवन में छाए अंधरे को दूर कर नया सवेरा दिखाया है. इंडियन रोटी बैंक के माध्यम से दीपक तिवारी समेत कई ऐसे नाम है. जिन्होंने पलामू की अलग पहचान बना दी है. द गुरूकुलम इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक गुरबीर सिंह को जिला प्रशासन द्वारा रक्तदान शिविर के लिए सम्मानित किया गया, चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य शिविर की बात हो गुरुकुलम परिवार हमेशा अग्रणी भूमिका निभाकर सबसे अगले पायदान पर खड़ा होता है.और ऐसे कई नाम हैं जो अपनी सेवाभावना के बदौलत कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. हमें भी नये वर्ष में , स्वक्छ पर्यावरण , सभ्य समाज और नये भारत के निर्माण का संकल्प लेना चाहिये और नए वर्ष में बेहतर समाज निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए.
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