
दिल्ली : भारत अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने जा रहा है. चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर शनिवार तड़के चांद की सतह पर उतरने की तैयारी कर रहा है. खबरों के अनुसार विक्रम लैंडर शनिवार तड़के एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा.
जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस क्षण को देखने के लिए इसरो के बेंगलुरु केंद्र में मौजूद रहेंगे. उनके साथ देश भर से क्विज प्रतियोगिता के जरिए चुन कर आये 60-70 स्कूली बच्चे भी रहेंगे जो पीएम मोदी के साथ लैंडिंग का सीधा प्रसारण कैपिटल न्यूज़ एप्लीकेशन और कैपिटल न्यूज़ पलामू के ऑफिसियल फेसबुक पेज पर भी देखे ज सकेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी की देशवासियों से अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस करिश्मे के साक्षी बनें और इस खास पल के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करें. उन्होंने ट्वीट करके कहा, 130 करोड़ देशवासी इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, कुछ ही घंटों में चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छुएगा. भारत और पूरी दुनिया इन वैज्ञानिकों के करिश्मा देखेगी.
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Narendra Modi✔@narendramodi
I urge you all to watch the special moments of Chandrayaan - 2 descending on to the Lunar South Pole! Do share your photos on social media. I will re-tweet some of them too.
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भारत के अलावा अन्य देशों के लोग शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात होने वाली इस सॉफ्ट लैंडिंग का का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि विक्रम लैंडर की यह सॉफ्ट लैंडिंग अगर सफल रहती है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जायेगा. साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश भी बन जायेगा.
तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच उतरेगा लैंडर विक्रम
जान लें कि इसरो के दूसरे डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन के बुधवार को सफलतापूर्वक होते ही भारत का पहला मून लैंडर विक्रम सात सितंबर को चांद पर उतरने के लिए तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार, विक्रम का दूसरा डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन बुधवार तड़के 3.42 बजे ऑनबोर्ड संचालन तंत्र का उपयोग करते हुए शुरू हुआ और नौ सेकेंड में पूरा हो गया. विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किलोमीटर गुणा 101 किलोमीटर की है.
इसरो ने कहा कि इस ऑपरेशन के साथ ही विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए जरूरी ऑर्बिट प्राप्त कर ली गयी है. इसरो के अनुसार, विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच उतरेगा.
इसरो के अनुसार विक्रम के चांद पर उतरते ही रोवर लैंडर उसमें से निकल आयेगा और रिसर्च शुरू कर देगा. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अपनी 96 किलोमीटर गुणा 125 किलोमीटर की मौजूदा कक्षा में चांद के चारों तरफ घूम रहा है और दोनों-
ऑर्बिटर और लैंडर सही काम कर रहे हैं. 2 सितंबर को दोपहर विक्रम चंद्रयान-2 से अलग हो गया था. भारत की कुल 978 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत चंद्रयान-2 को भारी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके 3) के जरिए 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था.
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