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08 Mar, 2025
सहायक अध्यापक का भावुक विदाई समारोह में नम हुई सबकी आँखें
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पाटन – शिक्षा के क्षेत्र में अपने समर्पण और निष्ठा से एक मिसाल कायम करने वाले मध्य विद्यालय सुठा के सहायक अध्यापक ओम प्रकाश गिरी के सेवानिवृत्ति पर विद्यालय प्रांगण में एक भावुक विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों, बच्चों, ग्रामीणों एवं शिक्षा जगत से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें सम्मानित किया ।

 

विदाई समारोह में झारखंड टेट पास संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मिथलेश उपाध्याय, आकलन सफल संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री ऋषिकांत तिवारी, विद्यालय के अध्यक्ष श्री पिंटू, जैक के पूर्व सचिव श्री यमुना गिरी, मुखिया श्रीमती रबिन बीबी, प्रभारी प्रधानाध्यापक श्री चंद्रशेखर सहित विद्यालय के सभी शिक्षकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री राजेंद्र द्विवेदी, श्री संपूर्णानंद, श्री अरविंद गिरी ने श्री ओमप्रकाश गिरी के व्यक्तित्व और शिक्षण शैली की सराहना करते हुए कहा कि वे केवल शिक्षक नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उनकी विदाई से विद्यालय में एक अपूरणीय कमी महसूस की जाएगी।

 

भावुक हुआ माहौल, नम हुई आंखें

 

 

जैसे ही विदाई समारोह अपने अंतिम चरण में पहुँचा, विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों की आँखें नम हो गईं। विद्यार्थियों ने अपने प्रिय शिक्षक के सम्मान में कविता और भाषण प्रस्तुत किए। श्री ओम प्रकाश गिरी भी इस पल को रोक नहीं सके और भावुक होकर कहा, "यह विद्यालय मेरा दूसरा घर रहा है। विद्यार्थियों के बीच बिताए गए क्षण मेरे जीवन की सबसे अनमोल पूंजी हैं।"

 

शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान

 

श्री ओमप्रकाश गिरी ने अपने कार्यकाल में न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया, बल्कि छात्रों को नैतिक मूल्यों और समाजसेवा की भावना भी सिखाई। वे हमेशा शिक्षण को एक सेवा के रूप में देखते थे और विद्यार्थियों को सफलता की राह पर आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे।

 

समारोह के अंत में विद्यालय परिवार की ओर से उन्हें स्मृति चिह्न और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री प्रेम चौधरी ने किया।

 

विदाई तो एक परंपरा है, लेकिन यादें अमर रहेंगी

 

मौके पर उपस्थित पंचायत की मुखिया ने कहा कि श्री ओम प्रकाश गिरी की सेवानिवृत्ति निश्चित रूप से विद्यालय के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनके द्वारा दी गई सीख और मार्गदर्शन सदैव यादगार रहेंगे। उनकी यह यात्रा नई पीढ़ी के शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।



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