नई दिल्ली: देश के बाघों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि के पीछे बनाए गए बाघ रिजर्व का अहम योगदान है. इसके लिए देश के टाइगर रिजर्व के योगदान का आकलन करने के लिए भोपाल स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनजमेंट के सेंटर फॉर इकोलॉजिकल सर्विसेज मैनेजमेंट ने देश के दस सबसे बड़े टाइगर रिजर्व का मूल्यांकन किया है. इनका मूल्य 5.96 लाख करोड़ रुपये है जो BSE सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से नौ के संयुक्त बाजार मूल्य से अधिक है. वर्तमान में भारत में 50 टाइगर रिजर्व हैं.
बाघों के आवास से इतर अहम योगदान रिजर्व में पेड़ों के रूप में मौजूद कीमती इमारती लकड़ी और उसमें जमा कार्बन (प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से) का भी आर्थिक मूल्यांकन किया गया है. अध्ययन में इनकी कीमत 13,746 करोड़ रुपये से 96,745 करोड़ रुपये के बीच बताई गई है.
यहीं नही भूमि का मूल्य भी 4.08 लाख रुपये से 7.41 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के बीच है. वहीं रिजर्व से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ का मूल्य 11,014 करोड़ रुपये और 34,592 करोड़ रुपये के बीच है. इसके अलावा वातावरण से अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड का भी मूल्य शामिल है. इसका मूल्य 5,095 करोड़ रुपये से 16,202 करोड़ रुपये के बीच है.
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