
झारखंड में सहायक अध्यापकों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री के आवास पर एकदिवसीय भूख हड़ताल और धरना आयोजित किया। यह कार्यक्रम "झारखंड राज्य आकलन सफल सह प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ" के बैनर तले किया गया, जिसमें सहायक अध्यापकों ने वेतनमान और अन्य सुविधाओं में सुधार की मांग की। इस हड़ताल में राज्य के 24 जिलों के आकलन सफल और प्रशिक्षित सहायक अध्यापक शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। इस अवसर पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी ने सरकार पर सहायक अध्यापकों को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार वेतनमान की घोषणा को भूल चुकी है और वित्तीय बोझ का बहाना बनाकर सहायक अध्यापकों की मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि झारखंड एक खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है, फिर भी सरकार सहायक अध्यापकों के साथ छल कर रही है।
मुख्य मांगे और समस्याएँ
सहायक अध्यापकों ने सरकार से निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. राज्य के 62,000 सहायक अध्यापकों के लिए वेतनमान सुनिश्चित किया जाए।
2. टेट परीक्षा में सहायक अध्यापकों के कार्यानुभव और आकलन परीक्षा के आधार पर पासिंग मार्क्स में 20% की छूट दी जाए।
3. आकलन सफल सहायक अध्यापकों को टेट सफल सहायक अध्यापकों के समकक्ष मानदेय और सुविधाएँ दी जाएं।
4. आकलन परीक्षा में त्रुटियों को दूर कर प्रमाण पत्र जल्द जारी किए जाएं और नई आकलन परीक्षा की अधिसूचना जारी की जाए।
संघ के महासचिव बबलू सिंह ने कहा कि सभी सहायक अध्यापक आकलन परीक्षा पास करके अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं, फिर भी सरकार इस परीक्षा को टेट के समान रूप से लागू करने में असफल रही है। उनका कहना है कि सरकार की इच्छा शक्ति की कमी के कारण यह समस्याएं बनी हुई हैं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सहायक अध्यापकों ने सरकार के उदासीन रवैये पर नाराज़गी जताई।
सहायक अध्यापकों ने सरकार को समस्याओं के समाधान के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया था और 28 अगस्त को एक महाधरना भी आयोजित किया था, जिसमें राज्यभर के अध्यापकों ने भाग लिया था। बावजूद इसके, सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे मजबूरन उन्हें शिक्षक दिवस के दिन भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।
हालांकि, मंत्री प्रतिनिधि सतीश कुमार सिंह और सदर SDO परवेज जी ने हड़ताल के दौरान उपस्थित होकर सहायक अध्यापकों की मांगें सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि चार दिनों के अंदर सरकार उनके प्रतिनिधियों से वार्ता करेगी। इस आश्वासन के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी ने आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा की। भविष्य की रणनीति मंत्री जी के साथ होने वाली वार्ता पर आधारित होगी।
संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी धीरज कुमार मिश्रा ने बताया कि संघ की एकजुटता के आगे सरकार को झुकना पड़ा और जल्द ही वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा रही है।
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