मेदिनीनगर : अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए जीने में जो आनंद मिलता है. वो आनन्द लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी नही मिल सकता. ये कहना है इंडियन रोटी बैंक की कोऑर्डिनेटर शर्मिला शुमी का.
वैसे तो कई वो सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहती हैं, लेकिन पिछले साल अपनी शादी की सालगिरह पर मेदिनीनगर को उन्होंने एक नायाब तोहफा दिया था. वो था निःशुल्क कपड़ा बैंक. गढ़वा के समाजसेवी शौकत खान को प्रेरणा स्रोत्र मानकर 1 साल से निःशुल्क कपड़ा बैंक चला रही शर्मिला शुमी अपनी शादी की सालगिरह और कपड़ा बैंक की पहली वर्षगांठ धूमधाम और दिखावटी तरीके से मनाने के बजाय मुशहर टोली में जाकर झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के बीच केक काटकर और मिठाइयां के साथ कपड़े बाँटकर मनाई.
वहीं चियांकी सरकारी स्कूल के जरूरतमंद बच्चों के बीच पठन पाठन सामग्री का भी वितरण किया और समाज को एक सन्देश दे गई कि फालतू के खर्चे के बजाय बेसहारों के लिए कुछ कर पाएं तो वह उनके लिए भले ही थोड़ी राहत होगी. किंतु हमारे के लिए आत्मीय सुकुन होगा, विवेक वर्मा और शर्मिला शुमी के अलावे इंडियन रोटी बैंक के झारखंड कोऑर्डिनेटर दीपक तिवारी ,यशवंत तिवारी, ज्योति सिंह समेत रोटी बैंक की पूरी टीम की सराहना सोशल मीडिया पर हो रही है.
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