लातेहार/चँदवा: बीते गुरुवार को टोरी कोल साइडिंग में जेजेएमपी के उग्रवादियों ने जमकर गोलीबारी करते हुए एक दर्जन वाहन फूंक डाले थे. आगजनी के घटना के बाद चंदवा पुलिस ने सभी संभावित ठिकानों के छापामारी अभियान शुरू कर दी थी..
इसी दौरान थाना क्षेत्र के चेटर पंचायत के पन्नाटाड़ निवासी सुकर गंझू पिता गणेश गंझू को शनिवार की रात चंदवा पुलिस शक पर घर से उठाकर थाने ले आयी. परिजनों का आरोप है कि पुलिस बेवजह 5 दिनों तक सुकर गंझू को कस्टडी में रखा और उसकी जबरदस्त पिटाई भी की.
मारपीट के कारण सुकर गंझू मानसिक और शाररिक रूप से कमजोर हो गया है. बुधवार को परिजनों ने सुकर गंझू का इलाज के लिए चंदवा सीएचसी में भर्ती कराया जिसमें साफ लिखा है कि सुकर गंझू को शाररिक कमजोरी है. लेकिन परिजन पुलिस को इसका दोषी मानती है. पुलिसिया कार्रवाई से परिजनों में आक्रोश है. उनका कहना है कि बेवजह सुकर गंझू की पिटायी की गयी हमलोग गरीब है सही से ईलाज नही हुआ तो कैसे होगा.
क्या कहती है कि पीड़ित की पत्नी
पीड़ित की पत्नी संगीत देवी ने बताया कि शनिवार की रात मेरे पति को पुलिस उठाकर ले गयी थी. 5 दिन में हमें कभी भी मिलने नहीं दिया गया, मंगलवार को हम जब थाना मिलने पहुंचे तो सुबह 10 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक थाना में बैठे रहे. हमें वापस घर भेज दिया गया. उसी दिन शाम में ख़बर आयी कि मेरे पति अलग टाइप का व्यवहार कर रहे है, भागे भागे थाना गए तो देखे वहाँ एक ओझा भी बैठा हुआ था. हमें बोला गया कि ले जाओ इसे. हमनें मना किया कि जैसे मेरे पति को लाये थे उसी स्थिति में ही ले जाएंगे.
हमें फिर थाने से जाने को बोला गया. रात के करीब 9 बजे हमलोग घर के लिए निकल गये। रात के करीब 12 बजे चंदवा पुलिस मेरे पति को लेकर घर आयी और मुझे अंगूठा लगवा लिया.
पुलिसिया कार्रवाई पर सवालिया निशान
जेजेएमपी उग्रवादियों को पकड़ने के नाम पर पुलिस द्वारा थाना क्षेत्र के ही कुछ युवकों को पूछताछ के लिए थाना लाया गया. सुकर गंझू के मामले पर पुलिसिया कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. इस मामले में सुकर गंझू नाम पर नामजद प्राथमिकी भी हुई है. अब सवाल यह है कि यदि सुकर गंझू को पुलिस पकड़कर ले गयी थी तो फिर छोड़ा क्यों और यदि यह नामजद नही था तो फिर 5दिनों तक हिरासत में रखा क्यों ? , ग्रामीणों के माने तो दो अन्य युवकों को भी चँदवा पुलिस ने 6दिनों से कस्टडी में रखी है.
जिसमें पुलिस ने यह बोल कर युवकों को थाने में लाया है कि तुम्हारा भाई उग्रवादि है, इसलिए वो नही मिला तो उसके भाई को ही चँदवा पुलिस थाने ले आयी. उसकी पत्नी ने साफ कहा कि अगर हम उग्रवादि को होते तो पैसे के लिए तड़पते, हमारे पास अच्छे से रहने के लिए घर तक नही है. नामजद अभियुक्त नहीं मिलने पर सन्देह के आधर दो युवकों को 6 दिन से चँदवा पुलिस थाने में रखी है.
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