
बरवाडीह: पलामू व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत वन- पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के बेतला रेंज में चलाया जा रहे वन्य प्राणी सफ्ताह का समापन बेतला नेशनल पार्क के सभागार में कोरोना काल को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कार्यक्रम आयोजित कर संपन्न किया गया।बताते चलें कि वन विभाग के द्वारा विगत कई सालों से हर वर्ष वन्य जीव प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत वन क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में जनजागृति,खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य होता है, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के अंदर वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाना ताकि बेतला नेशनल पार्क के आसपास के लोग प्राकृतिक संतुलन को समझते हुए वन एवं वन्य जीव की सुरक्षा का दायित्व स्वयं भी निभाए। विभाग अपनी ओर से लगातार इस दिशा में अथक प्रयास करता आ रहा है। वन्य जीव पखवाड़ा के अंतर्गत गांधी जयंती 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक बेतला वन रेंज के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के सामाजिक क्रियाकलापों का आयोजन किया गया। जिसमें खेलकूद, निबंध लेखन, चित्रकारी आदि सम्मिलित थे। इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने वाले विजय प्रतिभागियों को वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वार अवार्ड वितरण कर पलामू टाइगर परियोजना उत्तर एवं दक्षिणी रेंज के डीएफओ कुमार आशीष एवं बेतला रेंज के रेंजर प्रेम प्रसाद ने सम्मानित किया गया। पुरस्कृत होने वाले विजयी प्रतिभागियों में रेखा कुमारी, आंचल कुमारी,धनंजय कुमार,अभिषेक प्रसाद,आनंद कुमार,रवि कुमार, नेहा कुमारी,प्रभा कुमारी जूही परवीन, मुकेश कुमार, चंदन कुमार समेत अन्य विजयी प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। वह इस मौके पर डीएफओ कुमार आशीष ने कहा लोगों के अंदर वन एवं वन्यजीवों को लेकर क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाना ही वन्य प्राणी सप्ताह का मुख्य उद्देश्य है।जिससे लोगों के अंदर प्रकृति एवं उसके अंतर्गत रहने वाले वन्य जीव एवं जंगल को लेकर लोगों के अंदर सकारात्मक विचारों का संचार किया जा सके ताकि वन एवं वन्य जीव का संरक्षण सुनिश्चित हो। वही आज़ाद सिपाही पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए डीएफओ कुमार आशीष ने कहा 15 अक्टूबर से बेतला नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा पर कुछ नियम एवं शर्ते करोना काल को देखते हुए लागू रहेगी।वही बेतला रेंज के रेंजर प्रेम प्रसाद ने कहा वन्य जीवों का संरक्षण वर्तमान समय में बहुत जरूरी है ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे। जिस तरह वन-जीवों को लगातार हो रही है यह एक चिंता का विषय है। इसी दिशा में हर वर्ष लोगों को जागरूक करने के लिए वन्यजीव पखवाड़ा मनाया जाता है जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीणों में जागरूकता फैलाते हुए वन एवं वन्य जीव की उपयोगिता को दर्शाया जाता है। जिसके लिए विभिन्न माध्यमों का प्रयोग किया जाता है उन्ही में से खेलकूद, निबंध,चित्रकला जैसे प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता है क्योंकि हमारे बच्चे ही आने वाले समय के भविष्य हैं जो प्राकृतिक वातावरण को संगठित एवं संग्रहित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
- VIA
- Ravi Gupta Journalist

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