
विश्रामपुर : मानव जीवन मे कैसी- कैसी अजीब विडम्बना का सामना करना पड़ता है इसका उदाहरण देखने को मिला विश्रामपुर नगर परिषद के मायापुर में, लॉक डाउन में जिसके घर मे खाने के लाले पड़े हों तो उस घर मे कैसे अंत्येष्टि और क्रिया कर्म किया जाय। मायापुर निवासी नन्दलाल गोस्वामी की 35 वर्षीय पत्नी की अचानक हुई मौत के बाद नन्दलाल पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, डोरिहारी कर आधा दर्जन परिवार का भरण पोषण करने वाले नन्दलाल का काम तो ठप था ही, अब पत्नी के साथ छोड़ जाने के दुःख के बीच क्रिया कर्म कैसे किया जाय, अंतिम संस्कार तो किसी तरह कर दिया गया , लेकिन श्राद्ध कैसे हो , घर मे खाने को अन्न का दाना जब ना बचा तो बच्चों की भूख की वेदना देख स्थानीय डीलर से सहयोग मांगने गये नन्दलाल को निराश ही लौटना पड़ा। जब इसकी जानकारी जीवन ज्योति संस्था को मिली तो तत्काल दुर्गेश सिंह के निर्देश पर विवेक शुक्ला सूखा राशन लेकर मदद करने पँहुचे, लोको पायलट प्रदीप कुमार ने भी बढ़ चढ़ कर सहयोग किया, इनके सहयोग को देख गांव के क्वलधारी विश्वकर्मा के नेतृत्व में चन्दा कर सहयोग की मुहिम छेड़ दी गयी है, अब नन्दलाल गोस्वामी को पत्नी के खोने का गम तो है लेकिन हिन्दू रीति के अनुसार अब श्राद्ध हो जायेगा इस बात की तसल्ली है।
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