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22 Dec, 2024
अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों की जान बचाने वाली नर्स को जेजेए ने किया सम्मानित
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पलामू जिले के मेदिनीनगर सदर अस्पताल में 13 दिसंबर की रात उस समय हड़कंप मच गया, जब बच्चों के आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। इस घटना ने वार्ड में भर्ती आठ मासूम बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया। लेकिन वहां मौजूद नर्स ममता  ने अपनी जान की परवाह किए बिना जो साहसिक कदम उठाया, उसने सभी को प्रेरित किया।

नर्स ने बचाई मासूमों की जान
आग लगते ही ममता ने बिना समय गंवाए चार-चार बच्चों को गोद में उठाकर सुरक्षित दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। आग और धुएं के बीच नर्स ने न केवल अपना कर्तव्य निभाया बल्कि मानवीयता का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। उनके इस प्रयास ने डॉक्टर गौरव और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी सतर्क कर दिया। सभी के सामूहिक प्रयास से आठों बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया।

सिविल सर्जन ने मौके पर संभाली स्थिति
घटना की जानकारी मिलते ही पलामू के सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्हें उचित वार्ड में शिफ्ट करने का निर्देश दिया। उनकी त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रण में आ गई।

झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने किया सम्मानित
इस मानवीय घटना की जानकारी मिलने पर झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (जेजेए) ने नर्स निशा कुमारी समेत उन सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया, जिन्होंने मासूमों की जान बचाई। पलामू इकाई के प्रदेश सचिव संजय सिंह उमेश के नेतृत्व में जेजेए ने ममता और सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

संजय सिंह ने कहा, "ममता ने जिस धैर्य और साहस का परिचय दिया है, वह काबिले तारीफ है। हमारा संगठन हमेशा समाज और मानवता के हित में काम करने वालों को प्रोत्साहित करता रहा है।"

नर्स की बहादुरी की सराहना
सिविल सर्जन ने झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, "जेजेए न केवल पत्रकार हितों के लिए बल्कि मानवीय कार्यों के लिए भी सदैव अग्रणी रहा है। नर्स ममता जैसी बहादुर कर्मियों की वजह से ही स्वास्थ्य सेवाएं समाज में नई उम्मीद जगाती हैं।"

नर्स ममता बनीं प्रेरणा का स्रोत
ममता की इस कर्तव्यनिष्ठा और साहसिकता ने यह साबित कर दिया कि जब इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा असंभव नहीं है। उनके इस प्रयास ने न केवल बच्चों की जिंदगी बचाई, बल्कि सभी के दिलों में अपनी जगह बना ली।



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