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01 Mar, 2024
दिवंगत सुदामा पंडित जी के पुण्यतिथि पर उनके कई समकालीन साथियों ने दी श्रद्धांजलि, भावुक हुए लोग
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मेदिनीनगर : देश में जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण का भाव रखना ही सच्ची राष्ट्र सेवा है। जो अपनी कर्तव्य व दृढ़ संकल्प के साथ समाज के प्रति अटूट समर्पण, शिक्षा, बेरोजगारी, गरीबी, व बेहतर समाज निर्माण के लिए जो हमेशा खड़ा रहता है लोग उनके मृत्यु के बाद सिर्फ याद ही नहीं करते बल्कि पूजते भी है। और ऐसे ही एक महान हस्ती संत मरियम स्कूल के चेयरमैन श्री अविनाश देव के पिता स्व. सुदामा पंडित के पुण्यतिथि 29 फरवरी गुरुवार को विद्यालय के सभागार में मनाई गई। जहां जिले के कई समकालीन साथियों ने उनके पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित व मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। मौके पर उपस्थित स्व. सुदामा पंडित के विचारधारा   व उनके आंदोलन में साथ दे रहे कई दिगज समाजसेवी  मौजूद उस दौर में घटित घटना व कुछ लम्हे को याद करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता रामनाथ चंद्रवंशी ने बताया कि आज हमारे बीच स्व. सुदामा पंडित जी मौजूद नहीं है लेकिन समाज के प्रति उनकी की गई प्रयास एवं शिक्षा गरीबी व भ्रष्टाचार के प्रति उठाया हुआ आवाज आज भी हमारे कानों तक गूंजती है। उस दौर में तो उनके सपना  सकार नहीं हो पाया लेकिन अब हमें उनके सोच स्वभाव और आवाज अविनाश देव के जहन में देखने को मिलता है। वहीं के.डी. सिंह ने बताया कि उनके विचार में हमेशा भविष्य की चमक देखने को मिलती थी वह कहा करते थे कि हम सब मिट्टी से बने इंसान हैं और मिट्टी से जुड़े रहना हमारा पेसा है अक्सर लोग अपने सुख और समृद्धि के लिए मिट्टी के मूरत के सामने भीख मांगते नजर आते हैं लेकिन जब हम अपनों के बीच अपने समाज के बीच अच्छा प्रेम, भाईचारा व अपनत्व का विचार रखते हैं तो हमें कभी भी मिट्टी के मूरत के सामने हाथ जोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। साथ ही उनके साथी डॉक्टर भोला प्रजापति, प्रभात अग्रवाल, सुमन जी, गणेश रवि, सुरेंद्र मिश्रा, विनय कुमार सिंह, जटाधारी गुरु जी, सुरेश प्रजापति, रवि शंकर,  सुरिस्ट राय, रामचंद्र प्रजापति, गुमानी पंडित, सोमनाथ चक्रधर, भोला प्रजापति, व अन्य ने उनके विचार व प्रेरणादायक घटनाओं के बारे में वर्णन किया। अंततः इस कार्यक्रम को समापन करते हुए स्व. सुदामा पंडित के ज्येष्ठ पुत्र अविनाश देव अपने पिता के बातों को याद करते हुए कहा कि मेरे पिताजी कहा करते थे कि बेटा किसी भी परिस्थिति में स्वयं को खड़ा रखना ही बेहतर योद्धा की पहचान है। और साथ ही मिट्टी को कभी मत छोड़ना मिट्टी से हमेशा जुड़कर  अभिमान से नहीं बल्कि स्वाभिमान से जीना। साथ ही इन्होंने कहा कि देश व समाज के प्रति हमारे पिता के जो सपना था उस सपने को यदि मैं कुछ प्रतिशत भी धरातल पर उतारकर समाज में बदलाव लाता हूं तो यही मेरे पिता के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मौके पर उपस्थित उनके पुत्र कुमार आदर्श, उत्कर्ष देव,पुत्री रीना देवी, पूजा देव, एस. वी. शाहा, ओंकार नाथ तिवारी, ललन प्रजापति, संतोष प्रजापति समस्त शिक्षक कर्मचारी व बच्चे भी मौजूद थे।
 



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