28 Apr, 2020
रिक्सा चला कर परिवार चलते थे, लेकिन लॉक डाउन के वजह से सब कुछ ठप है
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गढवा : गढवा जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर इनट्रियल एरिया में एक छोटा सा गाँव गोबरदाहा हैं। इस गाँव मे 1260 लोगो का बस्ती है। इस बस्ती में 500 लोगो का राशन कार्ड है। बाकी 760 लोगो का राशन कार्ड नही है। और जिसके पास राशन कार्ड है वो राशन लेने  अपने गाँव से 9 किलोमीटर दूर चामा गाँव मे लेने जाते है और डीलर राशन देने में 3 दिन लगता है। राशन लेने के देने पड़ जाता है। जिसके पास राशन कार्ड नही है उनलोग भूख से मर रहे है क्योंकि उनलोग रिक्सा चला कर अपना दिन गुजरा करते है। लेकिन लॉकडाउन होने बाद रिक्सा चलना बंद हो गया है। रिक्सा चाला कर अपने पूरे परिवार का पालन पोषण करते है। लेकिन अब नही पा रहा है। भूख के बिना तड़प तड़प कर मर जायेंगे। सरकार वादे तो कर रही है लेकिन गरीबों तक राशन पहुँचे  तब ना। ग्रमीणों ने ये भी कहाँ की लाखो की लागत से यहाँ स्वास्थ्य केंद्र तो बन गया है लेकिन डियूटी किसका अभी तक हम नही जान रहे है। गाँव मे अगर कोई भी ब्यक्ति बीमार पड़ जाता है। अपने गाँव के बस्ती से निकलने में एक घंटा लगता है।सड़क का वही हाल है। बहुत दैनिये स्थित है। मेराल के अंतिम छोर पर है तो अधिकारी लोग भी हमलोगों के ऊपर कोई ध्यान नही दे रहे है। सरकार का कोई भी फंड गोबरदाहा गांव में नही धरातल पर उतरा है आवास और शौचालय को छोड़ कर। हमलों यही जिला प्रशासन से माँग करते है कि हमलोगों के ऊपर राशन मुहैया कराया जाए।



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