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26 Feb, 2025
पर्यावरणविद डॉ. कौशल किशोर जायसवाल ने स्व. विमला बहुगुणा जी को दी श्रद्धांजलि, उनके निवास में लगाए चंदन के पौधे
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स्व. सुंदरलाल बहुगुणा और उनकी धर्मपत्नी स्व. विमला बहुगुणा के संघर्षपूर्ण जीवन और उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए योगदान को याद करते हुए, पर्यावरणविद डॉ. कौशल किशोर जायसवाल ने एक अनूठी पहल की। उन्होंने देहरादून स्थित स्व. विमला बहुगुणा जी के निवास पर उनके श्राद्ध में कर्नाटका के लाल चंदन का पौधा रोपित किया। यह पौधा न केवल पर्यावरण धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाता है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी देता है कि हमें हरियाली और प्रकृति की रक्षा के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए।

डॉ. कौशल किशोर जायसवाल, जो कि "ट्री मैन" और वन राखी मूवमेंट के प्रणेता के रूप में जाने जाते हैं, ने इस अवसर पर स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जी के पर्यावरणीय संघर्षों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा भारत के एक महान पर्यावरण चिंतक थे, जिन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में वन संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनकी धर्मपत्नी विमला बहुगुणा ने हमेशा उनके साथ मिलकर इस आंदोलन में भाग लिया और उनका समर्थन किया।

चिपको आंदोलन के प्रमुख नेता रहे स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जी और उनके साथियों ने वन्य जीवन और प्रकृति को बचाने के लिए अहम संघर्ष किए, जिनमें कर्नाटक के पांडुरंग हेगड़े, रामकृष्ण हेगड़े, चंद्रशेखर, धूम सिंह नेगी, अमेरिका के जॉर्ज ए. जेम्स और नेपाल के सरोज शर्मा जैसे नेता भी शामिल थे। इसके साथ ही 1980 के दशक से लेकर 2004 तक टिहरी बांध के निर्माण के विरोध में उनका संघर्ष भी बेहद महत्वपूर्ण था।

डॉ. कौशल ने याद करते हुए कहा कि 1977 में वह खुद भी स्व. बहुगुणा जी के साथ चामा (टिहरी) और चमोली में चिपको आंदोलन का हिस्सा बने थे। उन्होंने भारत और विदेशों में भी दर्जनों प्रमुख पर्यावरणीय कार्यक्रमों में भाग लिया, जिनमें कर्नाटक का अप्पिको आंदोलन, टिहरी के चिपको आंदोलन आदि प्रमुख थे।

इसके अलावा, डॉ. कौशल किशोर जायसवाल ने यह भी बताया कि स्व. विमला बहुगुणा जी के साथ पलामू प्रवास के दौरान वे निःशुल्क पौधा वितरण और रोपण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने लावारिस सेवा केंद्र और पानी पंचायत के केंद्रीय कार्यालय का भी शुभारंभ किया था।

इस विशेष अवसर पर उपस्थित लोगों ने पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों का पालन करने का संकल्प लिया, जिससे समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना को और भी प्रबल किया जा सके।

इस श्रद्धांजलि समारोह में स्व. विमला बहुगुणा जी के परिवार के सदस्य, जैसे उनके पुत्र प्रदीप बहुगुणा, राजू नयन बहुगुणा, गिरीश बहुगुणा, उनकी पुत्री डॉ. मधु पाठक, दामाद डी.पी. नोनियाल, बहू डॉ. मंजू बहुगुणा, और अन्य सदस्य उपस्थित थे। इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य मंत्री श्रीमती बीनिउनियाल, विधायक किशोर उपाध्याय, उमेश शर्मा, ममता चमोली, सुनीता जोशी और अन्य गणमान्य लोग भी इस मौके पर मौजूद रहे।



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