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18 Feb, 2025
आंदोलनकारियों के खून पसीना का परिणाम है झारखंड अलग राज्य - अविनाश देव
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मेदिनीनगर- झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा जिला कमिटी पलामू के लड़ाका साथियों को चंदन रोली लगा,आरती उतार पुष्पवर्षा कर अंगवस्त्र देकर सम्मानित किए इसके बाद हरि झंडी दिखा क्रांति के राह में रांची के लिए रवाना किए। आंदोलनकारी साथी सरकार से अपनी मांगों को लेकर जा रहे हैं रांची ध्रुवा डैम पर समन्वय के लिए एक पिकनिक प्रोग्राम भी करेंगे।आज झारखंड का जो उन्मुक्त फिज़ा दिख रहा है वह मरांग गोमके, दिशाेम गुरु और ये सब जांबाज बहादुर साथी के बदौलत दिख रहा है। इन्हीं में से एक क्रांतिकारी योद्धा थे स्वर्गीय सुदामा पंडित जो मृत्युपर्यन्त झारखंड अलग राज्य के लिए लड़ते रहे। सूरज मंडल जी के विशेष सानिध्य में हमेशा आंदोलन किए और अंततोगत्वा झारखंड राज्य के रूप में जीत हासिल किए। आज सभी आंदोलनकारियों ने स्वर्गीय सुदामा पंडित के तस्वीर पर दीप प्रज्वलित कर माला अर्पित किए सबों ने बारी बारी से पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किए और संकप को दोहराते हुए अपनी जत्था को रांची के लिए रवाना किए। विदित हो ये आंदोलनकारी ऐसे सख्त थे जो अपना घर परिवार के परवाह किए बैगर घर को तबाह छोड़ आगे बढ़े। ये न घर के रहे न घाट के रहे। बेटा पुतोह अलगाव में रखे कह रहा है कि क्या किए जो खाना और समय पर चाय दें? सरकार के नजरों में आम आदमी हैं,प्रमाणित कीजिए कि आप झारखंड आंदोलनकारी हैं। विदित हो प्रकृति ने झारखंड को अकूत खनिज समदा दिया है जिसे बाहर के लोग मालओमाल हो रहे हैं और यहां के मूल वासिंदा पलायन पर मजबूर,हां उनकी लाशें आती है। यहां के संपदा से बिहार में बाढ़ रोकने बाबुओं के माल गटकने से ज्यादा कुछ नहीं होता था। इसीलिए लंबी संघर्ष के बाद झारखंड अलग हुआ और आंदोलनकारी वाजिब सम्मान के हकदार हैं। सरकार से आग्रह होगा इन्हें उचित सम्मान देने की कृपा करें ये कोई खैरात नहीं मांग रहे हैं बड़ी मेहरबानी होगी।सतीश जी,गणेश रवि जी, बालकिशुन उरांव जी,विकेश पांडेय जी प्रदीप सिंह, दाऊद केरकेट्टा, विलांगना किंडो,सुलेमान अंसारी को शुक्रिया जो अपने झारखंड आंदोलनकारियों को नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।



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