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30 Dec, 2024
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज की अनियमितताओं पर कसा शिकंजा, जांच के आदेश
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मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हो रही लापरवाहियों और अनियमितताओं को लेकर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम निर्णय लिए। इसी क्रम में, सफाई कर्मियों की नियुक्ति और उपस्थिति को लेकर गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर बालाजी नामक नोडल एजेंसी की हाजिरी बही (अटेंडेंस रजिस्टर) जब्त कर ली गई। साथ ही इस मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता को निर्देशित किया गया है।

सफाई व्यवस्था में गंभीर खामियां

वित्त मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को साफ-सफाई के लिए 135 सफाई कर्मियों की आवश्यकता है। हालांकि, वर्तमान में केवल 51 कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें से भी सिर्फ 47 कर्मियों की हाजिरी दर्ज की जा रही है। यह स्थिति न केवल अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन है, बल्कि अस्पताल में फैली गंदगी का मुख्य कारण भी है। मंत्री ने बताया कि अस्पताल में तीन शिफ्टों में सफाई के लिए सरकार से ठेका दिया गया है, लेकिन बालाजी कंपनी द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा।

डॉक्टर और कर्मचारियों को यूनिफॉर्म अनिवार्य

बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने डॉक्टरों समेत सभी कर्मचारियों को यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों के भीतर यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इससे मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों और दलालों की पहचान करने में आसानी होगी।

आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल रहा

वित्त मंत्री ने यह भी चिंता व्यक्त की कि मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से उठाएंगे और मरीजों को इस योजना का पूरा लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

सफाई व्यवस्था सुधारने का निर्देश

मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सफाई व्यवस्था को सुधारने और इसे मानकों के अनुरूप बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, "जिस उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया है, उसकी पूर्ति होना चाहिए। गंदगी और लापरवाही के कारण मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।"

बायोमेट्रिक उपस्थिति की होगी निगरानी

भविष्य में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए मंत्री ने सभी कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश दिया है। इससे कर्मचारियों की वास्तविक संख्या और काम के घंटे की निगरानी में पारदर्शिता आएगी।



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