
झारखंड क्रांति मंच ने लैस्लीगंज की पूर्व जिला पार्षद निर्मला कुमारी के साथ हुए जातिसूचक दुर्व्यवहार को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। मंच के संस्थापक सह केंद्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु, जन संग्राम मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष युगल किशोर पाल, मंच के केंद्रीय महासचिव रविंद्र कुमार रवि, पलामू जिला अध्यक्ष विजय राम, और नगर निगम क्षेत्र अध्यक्ष प्रदीप राम ने मेदिनीनगर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में इस मुद्दे पर अपना विरोध प्रकट किया।
जातिसूचक गालियों और दुर्व्यवहार की निंदा
प्रेस वार्ता में पूर्व जिला पार्षद निर्मला कुमारी ने बताया कि 16 और 17 दिसंबर को आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका अर्पणा मिश्रा ने उनके साथ मोबाइल पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया और प्रखंड कार्यालय परिसर में जातिसूचक गालियां दीं। इसके अलावा, नीलांबर-पितांबरपुर के अंचलाधिकारी के समक्ष भी पर्यवेक्षिका ने अपमानजनक व्यवहार किया। इस घटना के विरोध में उन्होंने 22 दिसंबर को संबंधित पुलिस थाने में एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है।
निर्मला कुमारी ने बताया कि झारखंड में गुड गवर्नेंस अभियान चल रहा है, लेकिन महिला पर्यवेक्षिका जैसे अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ जातिसूचक और अमर्यादित व्यवहार इस अभियान का मजाक बना रहा है।
कड़ी कार्रवाई की मांग
झारखंड क्रांति मंच और जन संग्राम मोर्चा ने एक स्वर में इस घटना की निंदा की और अर्पणा मिश्रा के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पर्यवेक्षिका को सेवा से बर्खास्त करने की भी मांग की। मंच के नेताओं ने कहा कि यदि प्रशासन ने इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आगामी 30 दिसंबर को बाल विकास परियोजना कार्यालय नीलांबर-पितांबरपुर के सामने एक दिवसीय धरना देकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आयोगों को लिखा पत्र
पूर्व जिला पार्षद निर्मला कुमारी ने इस मामले में जिला प्रशासन के अलावा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, महिला आयोग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री, और महिला एवं बाल विकास मंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जातिवादी और अपमानजनक घटनाएं न केवल समाज को कमजोर करती हैं, बल्कि महिलाओं के सम्मान को भी ठेस पहुंचाती हैं।
ऑडियो जारी कर विरोध
प्रेस वार्ता के दौरान निर्मला कुमारी के साथ हुई अपमानजनक बातचीत का ऑडियो जारी किया गया। मंच और मोर्चा के नेताओं ने कहा कि यह घटना झारखंड में व्याप्त जातिवाद और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है।
इस प्रेस वार्ता में जन संग्राम मोर्चा के गढ़वा जिलाध्यक्ष अशोक पाल, झारखंड क्रांति मंच के केंद्रीय महासचिव रविंद्र कुमार रवि, मंच के नगर निगम क्षेत्र अध्यक्ष प्रदीप राम, प्रेमचंद और अन्य नेता उपस्थित थे। सभी ने एकजुट होकर इस घटना के खिलाफ आवाज उठाई और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की।
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