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20 Sep, 2024
भारतीय संविधान पाठ सह मूलनिवासी मेला: समाज में समानता और न्याय के प्रति जागरूकता का अनूठा प्रयास
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22 सितंबर से 25 सितंबर तक मेदिनीनगर के बजराहा में भारतीय संविधान पाठ सह मूलनिवासी मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। डॉक्टर अंबेडकर के संघर्ष और विचारों ने भारतीय समाज में समानता, न्याय और मानवाधिकारों के लिए एक नई दिशा प्रदान की। उनके संविधान के प्रति योगदान और दलितों, पिछड़ों एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए यह मेला अंबेडकरवादी विचारधारा का एक महत्वपूर्ण मंच बन रहा है।

इस मेले के आयोजनकर्ता रवि पाल ने बताया कि मेले में पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता, कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, इतिहासकार, और वरिष्ठ अधिवक्ता हिस्सा लेंगे, जो संविधान से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगे। इस मेले के माध्यम से भारतीय संविधान की जटिलताओं को आम जनता के सामने सरल तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे वे इसके महत्व को गहराई से समझ सकें।

मेले में विभिन्न स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां संविधान से संबंधित सामग्री और साहित्य की प्रदर्शनी होगी। इसके साथ ही बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चे एक दिन के लिए डॉक्टर भीम राव अंबेडकर का रूप धारण कर उनकी सोच और आदर्शों को जीवंत करेंगे। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नई पीढ़ी में अंबेडकर के विचारों और संविधान के प्रति जागरूकता फैलाना है।

इस मेले के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने और उनके बीच समता, बंधुत्व, और न्याय के सिद्धांतों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। यह आयोजन केवल एक मेला नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार और संविधान की शक्ति के प्रति एक जागरूकता अभियान है।



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