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05 Sep, 2024
महिलाओं को पेंशन नहीं, बल्कि रोजगार और नौकरी चाहिए: अरुणा शंकर
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मेदिनीनगर की प्रथम महापौर अरुणा शंकर का चौधरी समाज की महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने पथरा मंडल के बहेराखुर्द गांव में भव्य स्वागत किया। अरुणा शंकर पिछले 15 दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं, जहां वे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुन रही हैं और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

 

जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रामीणों ने पूर्व महापौर से गांव की समस्याओं को साझा किया। लोगों ने कहा कि जिस तरह से मेदिनीनगर को अरुणा शंकर ने अपने कार्यकाल में सुधारा है, वैसी ही उम्मीद वे अपने गांव के लिए भी रखते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में अब तक बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। वे भी एक बेहतर जीवन की अपेक्षा रखते हैं और चाहते हैं कि उनके बच्चों को भी इन आवश्यक सुविधाओं का लाभ मिले।

 

पूर्व महापौर अरुणा शंकर ने इस दौरान झारखंड सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार युवतियों को एक हजार रुपये की पेंशन देकर केवल अपनी नीतियों की विफलता छुपाना चाहती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पढ़ी-लिखी बहनों को पेंशन नहीं, बल्कि नौकरी चाहिए। अगर सरकार नौकरी नहीं दे पाती, तो उसे शिक्षा के अनुरूप महिलाओं को कम से कम पांच हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए। 

 

अरुणा शंकर ने विशेष रूप से महिलाओं के रोजगार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शहरी शिक्षित महिलाओं को नौकरी की जरूरत है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलने चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधार सकें।

 

इस जनसंपर्क कार्यक्रम में चौधरी समाज के प्रमुख सदस्य जैसे जवाहर चौधरी, राजीव रंजन चौधरी, शिवकुमार चौधरी, और अन्य कई लोग मौजूद थे। ग्रामीण महिलाओं ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अरुणा शंकर की बातों का समर्थन किया।



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