वंशीधर नगर : दिया तले अंधेरा होता है, ये कहावत वंशीधर नगर में करोड़ो की लागत से बनाई गई ट्रामा सेंटर पर फिट बैठती है. वर्ष 2005 में जब भानु प्रताप शाही सूबे के स्वास्थ्य मंत्री थे तब उनके प्रयास से बंशीधर मुख्यालय में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. जिसका एकमात्र मकसद था एक्सिडेंटल केसों में तत्काल इलाज से मृतकों की संख्या में गिरावट लाना. परंतु एक करोड़ 41 लाख 63 हजार रुपये की लागत से बनाया गया भवन कर्मचारी विहीन हो गया है. वर्ष 2011 में जब यह भवन विभाग को सौंपा गया. तभी से मात्र एक डॉक्टर के भरोसे 2019 मई तक चलता रहा. फिर भी जिस मकसद से ट्रॉमा सेंटर का निर्माण किया गया वह मकसद आज तक पूरा नही किया जा सका. जिस डॉ की नियुक्ति ट्रॉमा सेंटर में किया गया था वे मात्र चिकित्सक बन कर अनुमंडलीय अस्पताल में अपनी ड्यूटी करते रहे. इस दौरान किसी भी इमरजेंसी केस,एक्सिडेंटल केस या यूं कहे की आज तक ट्रॉमा सेंटर आज तक अपनी सार्थकता सिद्ध नही कर सका. वर्ष 2019 में एकमात्र डॉक्टर के चले जाने के बाद यह भवन वीरान बन कर रह गया है.जो बाह्य स्रोत से मात्र दो सफाई कर्मी के भरोसे रह गया है. जब कि 108 एम्बुलेंस सेवाएं भी ट्रॉमा सेंटर में चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है. परंतु आज भी इमरजेंसी सेवाओ के लिए मरीजो को सदर अस्पताल ही भेजा जाता रहा है. कई बार बिभिन्न माध्यमो से ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर मांग किया जाता रहा लेकिन उन की पूर्ति नही हो सकी.
- VIA
- Admin
-
15 May, 2024 55
-
11 May, 2024 122
-
11 May, 2024 338
-
10 May, 2024 186
-
03 May, 2024 301
-
02 May, 2024 603
-
25 Nov, 2019 4272
-
26 Jun, 2019 4229
-
24 Jun, 2019 4052
-
22 Jun, 2019 3649
-
25 Jun, 2019 3444
-
23 Jun, 2019 3332