पलामू : पलामू जिले में पंचायत ने एक नाबालिग लड़की पर बदचलन का आरोप लगाते हुए उसके पिता पर 51 बार उठक-बैठक करने के अलावे 41 हजार रुपए का जुर्माने का अर्थदंड लगाया है. वहीं गया-बनारस जाकर कर्मकांड से शुद्धिकरण करने, समाज को भोजन कराने समेत कई घृणित निर्णय भी लिए हैं. जिसके बाद लड़की के पिता घर से निकला और उसका शव पेड़ से झूलता मिला. लड़की ने जाना तो उसने भी कुंए में छलांग लगा दी. खैर उसकी जान तो बचा ली गई मगर जो उसके साथ गुजरी उस दर्द से वो आज भी तड़प रही.
घटना पांच दिन से चल रहा है, पर जब मिडिया को मालूम चला तो पंचायत का एक खौफनाक घिनौना चेहरा सामने आया जिसे जान आपके रौंगटे खड़े हो जाऐंगे. इस घटना ने प्रशासन, पत्रकारिता समेत समाज सबको हिला कर रख दिया. फिलहाल पुलिस कुछ कहने से पहले पूरे मामले की जांच का बहाना बनाए फिर रही है.
दर असल पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र के उलडंडा पंचायत में एक नाबालिग युवती गर्भवती हुई. जानकारी के मुताबिक उसके साथ पहले जबरदस्ती दुष्कर्म किया गया. जबकि गांव वालों ने पंचायती बैठाकर उस युवती को बदचलन, चरित्रहीन करार दिया गया. तीन बेटी और दो बेटे के पिता को इस घटना का कसूरवार ठहराया गया. पंचायत का खौफनाक चेहरा तब सामने आया जब गरीब किसान को 51 बार उठक बैठक के अलावे समाज में वापस आने के लिए कर्मकांड के तहत शुद्धिकरण करने का फरमान सुनाया. गया-बनारस जाकर संस्कार कर्म करने, समाज को भोजन कराने का निर्णय जबरन थोपा गया. पिता होने के नाते उसने पंचायत के सामने गिड़गिड़ाया, रोया, अनूनय विनय किया मगर किसी को दया नहीं आई.हां अर्थदंड में 41 हजार के जगह 11 हजार रूपये के जुर्माना पर बात बनी. पिड़ित लड़की के मामा ने अपने खाते से निकाल कर 7 हजार जमा किए भी मगर वो रोक नहीं पाया. उजड़ते परिवार की बदकिस्मती, आखिरकार जिस मिडिया को बुलाकर उसके इज्जत को तार-तार करने की धमकी देकर पिड़ित परिवार को धमकाया गया उस मिडिया के कानों तक ये खबर पहुंची, मगर तब जब उसका शव पेड़ से लटकता मिला. पुलिस अब अनुसंधान में जुटी है. मुकदमा भी समाजिक अपराध से जोड़कर दर्ज की है और सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया है, पर सच्चाई से पीछा छूड़ा रही है.
मृतक के साला ने बताया कि एक जाति विशेष के लोगों ने वो कर्म किया जो ना तो कर्मकांड में दर्ज है और ना ही कानून और समाज में जायज है.
वहीं पुलिस जानती सबकुछ है पर कानून के दायरे का हवाला देकर छुपाती है. कहती अनुसंधान के बाद ही. हालांकि सात नामजद आरोपीयों को गिरफ्तार करने का भरोसा देती है.
जबरन गर्भ गिराने के बाद तनाव के बीच जीती जिंदगी लड़की के पास प्रशासन का सहारा अब तक ना मिला. ना तो उसका इलाज हुआ ना ही उसके सर पर किसी का प्यार भरा हाथ पड़ा. जिला बाल संरक्षण इकाई को मिडियाकर्मीयों ने उनका कर्तव्य याद दिलाया तो अखबार को प्रमाण मान अब संज्ञान लेने की दुहाई दी जा रही है. कह रही हैं उसका ख्याल रखा जाएगा.
पलामू में पंचायत का ये खौफनाक चेहरा पहले भी सामने आया है. पर जितना दोषवार वो पंचायत है उतना ही शिथिल लोकतंत्र का बाकी स्तंभ भी है. सबने जाना खानापूर्ति किया, किसीने मानवता, इंसानियत नहीं दिखाई जो कि.शर्मनाक है.
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