पलामू : जिस इलाके में नक्सलियों के लाल सलाम के नारे गूंजते थे, आज उस इलाके में लाल स्ट्रॉबेरी की पैदावार ने किसानों के चेहरे पर लाली ला दी है. अकाल सुखाड़ से जूझने वाले इलाके के किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की पैदावार एक नई उम्मीद जगाई है. जिले के हरिहरगंज के इलाके में बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है.
हरिहरगंज में पैदा होने वाली स्ट्राबेरी की मांग भारत के कई हिस्सों में है. हरियाणा के बाद झारखंड पलामू के इलाके में स्ट्राबेरी की पैदावार हो रही है. यहां प्रति एकड़ किसानों को तीन से चार लाख रुपये का फायदा हो रहा है. पेशे से इंजीनियर दीपक मेहता को ये इतना पसंद आया कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ खेती करना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे इलाके में कई किसान जुड़ते गए और कारोबार लाखो में पंहुच गया. जिस इलाके में कभी लोग धान के लिए मौसमी बारिश पर निर्भर थे. अब उस इलाके में स्ट्राबेरी की खेती की जाने लगी है. टपक विधि से सिंचाई के कारण कम पानी में काम हो जाता है. जिला प्रशासन भी अब लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रहा है.