गढ़वा : हमारे देश में वह चाहे पुलिस हो आर्मी, बीएसएफ हो या सीआरपीरफ, वह समाज और देश की रक्षा और सुरक्षा के साथ साथ सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करता है. उसकी बानगी झारखंड के गढ़वा में देखने को मिली. जहां सीआरपीएफ द्वारा नशा रोकने को ले कर रैली और कार्यक्रम के जरिये एक पहल की गयी. बनी रहे ज़िंदगी की मौत से दूरी, इसलिए यह दिवस मनाना है बहुत जरूरी”, ऐसे कई नारे लिखे तख़्ती और बड़े बैनरों के साथ सीआरपीएफ 172 बटालियन द्वारा जहां जिला मुख्यालय में एक रैली निकाली गयी. वहीं कॉलेज में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. मौका था अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक एवं अवैध तस्करी निरोधक दिवस का. सीआरपीएफ 172 बटालियन के कमांडेंट मुरारी झा के नेतृत्व और बटालियन के अन्य सभी अधिकारियों की मौजूदगी में निकाली गयी रैली में कई स्कूलों और कॉलेजों के बच्चे- बच्चियां शामिल रहे.
युवाओं से किया नशा से दूर रहने का आह्रवान
टाउन हॉल से शुरू हुई रैली शहर भ्रमण करते हुए नीलांबर पीतांबर पार्क में ख़त्म हुई. उसके पश्चात मुख्यालय में ही स्थित नामधारी महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नीलांबर -पीतांबर विश्वविद्यालय कुलपति एसएन सिंह, आयोजन के प्रमुख वक्ता कमांडेंट मुरारी झा,डिप्टी कमांडेंट डीबी यादव, मुख्यालय डीएसपी संदीप गुप्ता और कॉलेज के प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई. इसके उपरांत कॉलेज के छात्र छात्राओं की मौजूदगी में वक्ताओं द्वारा उन्हें नशा से नुकसान की बात बताने के साथ- साथ उनसे नशा से दूर रहने की बात कही गयी.
युवाओं को नशे की जद से बाहर निकालना जरुरी : कुलपति
कमांडेंट ने कहा कि युवा ही इस देश के भविष्य हैं, लेकिन अफ़सोस आज वो होश में नहीं हैं. नशा ने उन्हें इस क़दर अपने आगोश में लिया है कि वो कुछ सोचने की स्थिति में नहीं हैं. उधर विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरक़त कर रहे एनपीयू के कुलपति ने कहा कि आज युवा नशा के आदि होते जा रहे हैं जिसका नतीज़ा है कि मदहोशी के आलम में उनके कदम सही रास्ते से भटक जा रहे हैं. उन्हें भटकाव से रोकने और नशे की जद से बाहर लाने की दिशा में ऐसे कार्यक्रम निश्चित रूप से कारगर सिद्ध होंगे.